सर, बस ये पूछना था कि बिना किताबों के पढा़ई कैसे होती है
मेरठ (ब्यूरो)। प्रदेश में सरकारी स्कूलों में सेशन कई महीने पहले शुरू हो चुका है, मगर मेरठ में किताबों की किल्लत बच्चों के लिए बनी हुई है। मेरठ के सरकारी स्कूलों में 6 लाख किताबें ही पहुंची हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के मुताबिक, अभी भी विभिन्न विषयों के 5 लाख किताबों की जरूरत है। हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग का दावा है कि किताबों की कमी के कारण स्टूडेंट्स को दिक्कत नहीं होने दी जा रहीं है। एक स्कूल की टीचर मीरा ने बताया कि छात्रों ने सेशन खत्म होने के बाद अपनी पुरानी किताबें स्कूल में जमा करा दी थीं। इसका फायदा यह मिला कि शासन की ओर से नई किताब आने में देरी के बावजूद क्लासेज चल रही हैं। वहीं एक स्कूल के शिक्षक अमित ने बताया कि उनके स्कूल में करीब 13 सौ बच्चे हैं, उनकी दो सब्जेक्ट इंग्लिश व नागरिक शास्त्र की किताबें कम हैं, पिछले साल की बुक्स से ही पढ़ाया जा रहा है, जबकि बेसिक शिक्षा विभाग का दावा है कि मेरठ के एक हजार से भी अधिक सरकारी स्कूलों में बिना रुकावट पढ़ाई जारी है। टीचर्स का कहना है कि स्कूलों में बिना किसी अवरोध के पढाई जारी है। बच्चों को सभी किताबें समय से सरकार मुहैया करा दें तो अधिक अच्छा रहे।
यह है स्थिति- 1,072 परिषदीय स्कूल हैं मेरठ में - इनमें क्लास 1 से आठ तक के बच्चों की पढ़ाई होती है। - 51 किताबें छात्रों के लिए निर्धारित की गई हैं - 11 लाख किताबों में से 6 लाख किताबें ही पहुंच सकी हैं
- 5 लाख किताबें अभी तक स्कूल नहीं पहुंच पार्ईं हैं इतने हैं स्कूल
प्राथमिक स्कूल- 637
उच्च प्राथमिक स्कूल - 171
कम्पोजिट स्कूल- 264 ्र सभी स्कूलों में अधिकतर किताबें पहुंच चुकी हैं, कुछ बुक्स रहीं है तो उनको भी जल्द पहुंचा दिया जाएगा। हमारा प्रयास कि किसी भी तरह बच्चों की पढ़ाई में रूकावट न आए।
योगेंद्र कुमार, बीएसए कुछ बुक्स हैं जिनके एक दो पेज गायब हैं, पुरानी मिली है, लेकिन हमें टीचर्स उसको अलग से बता देते हैं।
आरती एक दो सब्जेक्ट की किताबें पुरानी मिली है, टीचर्स उसके बारे में हमें समझा देते हैं, अगर बुक्स से कुछ अलग या बाहर होता है तो हमें अलग पढ़ाया जाता है।
सुनैना
नागरिक शास्त्र की बुक नहीं है। टीचर ने अभी एक दो दिन पहले ही स्कूल में रखी हुई बुक्स हमें दी हैं।
नेहा