शास्त्रीनगर व लोहियानगर में टूटी अटल मिशन अमृत योजना के तहत करोड़ों खर्च कर डाली गई सीवर लाइन सीवर लाइन टूटने से सड़कें न सिर्फ धंसी बल्कि सड़कों में हुए गहरे-गहरे गड्ढे।

मेरठ (ब्यूरो)। पेयजल व सीवर समस्या के निस्तारण के लिए दो साल पहले केंद्र सरकार की अटल मिशन अमृत योजना के तहत शहर में सीवर लाइन डाली गई थी। मुझे लगता है कि ये जानकारी सबको होगी। मगर मैैं जो अपडेट देने जा रहा हूं, हो सकता है कि उसके बारे में कम ही लोग जानते हों। दरअसल, मानसून आते ही सीवर लाइन दम तोडऩे लगी है। जगह-जगह सीवर लाइन टूटने से सड़कें न सिर्फ धंस गई हैैं बल्कि सड़कों में गहरे-गहरे गड्ढे हो गए हैैं। करोड़ों रुपये खर्च कर लोगों की सुविधा के लिए डाली गई सीवर लाइन अब उनके लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है।

पुरानी सीवर लाइन बरकरार
गौरतलब है कि सालभर शहर से निकलने वाले गंदे पानी या सीवेज को शहर के बाहर एसटीपी तक ले जाने के लिए जल निगम अटल मिशन अमृत योजना के तहत 1034 किमी की सीवर लाइन डालने का काम कर रहा है। इस योजना के पहले चरण के अंतर्गत 2015-16 में लगभग 120 करोड़ से 86.56 किमी। नई सीवर लाइन डालने का प्रोजेक्ट मंजूर हुआ था। जिसका 100 प्रतिशत काम पूरा होने के बाद वित्तीय वर्ष 2021-22 से अमृत 2.0 का प्रारंभ किया गया। जिसके तहत शहर को सीवर नेटवर्क से कवर करने के लिए 1034 किमी सीवर लाइन और बिछाने का काम शुरू किया गया था। लेकिन स्थिति यह है कि कई इलाकों में सीवर लाइन डले हुए दो साल भी नहीं हुए और बरसात के दौरान जल निकासी करते हुए सीवर लाइन धराशाई होनी शुरू हो गई है। यह स्थिति तब है जब अमृत योजना के पहले से शहर में सालों पुरानी लगभग 667 किमी। सीवर लाइन अभी तक बरकरार है। मगर नई सीवर लाइन जरा सी बरसात में टूटना शुुरू हो गई है।

2200 करोड़ लगभग खर्च
अमृत योजना 2.0 के तहत साल 2022 में भूमिया पुल से गोलाकुंआ तक, जिला अस्पताल से लेकर छतरी वाला पीर तक, इंदिरा चौक से बुढ़ाना गेट तक, शास्त्रीनगर, शास्त्रीनगर एल ब्लॉक से लेकर काजीपुर चौक तक, कबाड़ी बाजार, बुढ़ाना गेट आदि क्षेत्रों में सीवर लाइन डालने का काम किया गया था। इस योजना के तहत जल निगम अफसरों ने 1034 किमी सीवर लाइन डालने और फिर हाउस कनेक्शन करने में आने वाले खर्च का अनुमान 2200 करोड़ लगभग लगाया था। लेकिन गत सप्ताह आई तेज बारिश में शास्त्रीनगर कुटी चौराहा, काजीपुर चौक और बच्चा पार्क पर सीवर लाइन धंसने से सड़क पर गहरा गड्ढा हो गया है। जल निगम का तर्क था कि वाहनों के भारी दवाब के कारण ऐसा हो रहा है लेकिन काजीपुर चौक से एल ब्लॉक के बीच तो वाहनों का दवाब भी अधिक नहीं है, बावजूद इसके वहां सीवरलाइन धंस गई।

यहां जर्जर हुई सीवर लाइन
शास्त्रीनगर कुटी चौराहा
काजीपुर चौराहा
बच्चा पार्क चौराहा

इन जगहों पर हुआ था सीवर लाइन का काम
भूमिया पुल से गोला कुआं तक
कबाड़ी बाजार से लेकर वैली बाजार चौराहे तक
शास्त्रीनगर एल ब्लॉक से लेकर काजीपुर चौक तक
इंदिरा चौक से बुढ़ाना गेट तक के बाजार
बुढ़ाना गेट से स्टेशनरी बाजार के अंदर
सूरजकुंड स्पोट्र्स बाजार
जिला अस्पताल से लेकर छतरी वाला पीर के बीच
कमेला पुलिया
मेवला फ्लाई ओवर के नीचे से नूर नगर तक

यह है एसटीपी की स्थिति
शहर में जल निगम का एक 72 एमएलडी एसटीपी है। जबकि एमडीए के 12 एसटीपी हैं।
जल निगम व एमडीए को मिलाकर सीवेज शोधन क्षमता कुल 179 एमएलडी है।
प्रतिदिन शहर में 338 एमएलडी सीवेज उत्सर्जित होता है।
करीब 159 एमएलडी सीवेज काली नदी में बिना ट्रीट किए बहाया जा रहा है।
नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा के तहत 220 एमएलडी का एक एसटीपी कमालपुर में बना है।

यह भ्रष्टाचार का मामला है। एक-दो दिन की बारिश में ही कुटी चौराहा, काजीपुर और बच्चा पार्क पर सीवर लाइन टूट गई।
मनीष जैन

करोड़ों रुपये की लागत से शहर में कई जगह नई सीवर लाइन डाली गई थी, जो दो साल में ही टूटने लगी है। इसकी जांच होनी चाहिए,
प्रेम कुमार

दो साल में सीवरलाइन का टूटना बताता है कि किस क्वालिटी माल लगाया गया है। यह जांच का विषय है। पूरे सीवर लाइन प्रोजेक्ट की जांच होनी चाहिए।
कल्पना पांडेय

कुटी चौराहे पर सीवर लाइन को रिपेयर करा दिया गया है। बाकि काजीपुर चौक का मामला संज्ञान में नहीं है। यह लाइन अभी नई ही डाली गई है। बाकि बच्चा पार्क पर रोड क्षतिग्रस्त हुई थी, उसे रिपेयर करा दिया गया है।
पंकज कुमार, अवर अभियंता, जलकल

Posted By: Inextlive