हाउस टैक्स घोटाले मामले में बाबू का बदला विभाग
जांच के बीच बदली गई आरोपी बाबू, गृहकर विभाग से जलकल विभाग में भेजा गया
Meerut। नगर निगम में हाउस टैक्स के नाम पर करोड़ों का घोटाला करने वाले वाले बाबू पर एक्शन लेने हुए आला अधिकारियों ने बाबू का पटल परिवर्तन कर खानापूर्ति कर दी। जबकि बाबू के खिलाफ जांच में निगम को पूरे साक्ष्य भी मिल चुके हैं। बावजूद इसके एक्शन के नाम पर केवल बाबू की सीट बदलकर खानापूर्ति कर दी गई है। हाउस टैक्स के बिलों हुआ था खेलनगर निगम द्वारा जारी किए जाने वाले हाउस टैक्स के बिलों में पिछले कई सालों से खेल किया जा रहा था। गत माह आरटीआई के माध्यम से हुए एक खुलासे में नगर निगम के कंकरखेड़ा जोन में ऐसे ही 20 से ज्यादा बिलों का मामला सामने आया था। जिनमें बिल को कम करके जमा कराया गया था। कंकरखेड़ा जोन के पल्लवपुरम में दो शख्स के पास अलग-अलग 15,75,890.75 रुपये, 16,40,279.70 रुपये और शीलकुंज कालोनी में 1,35,982 रुपये का हाउस टैक्स बनाकर भेजा गया। मगर भवन मालिकों ने निगम में आरोपी बाबू से बात की तो अपना बिल कम करा लिया। इनके बदले में 36,435 रुपये 37,316 रुपये और 10221 रुपये का हाउस टैक्स निगम के खाते में जमा हुआ। इसी के साथ ही रुड़की रोड के विवाह मंडप का बिल 25,40,215.46 रुपये का बनाया गया। जबकि बाबू से सेटिंग के बाद बिल घटाकर 58,776 रुपये कर दिया गया। ऐसा ही पल्लवपुरम फेज-2 के फार्म हाउस का बिल 15,90,482.75 रुपये का बनाकर भेजा गया जबकि फार्म हाउस स्वामी ने भी बाबू से सेटिंग कर बिल मात्र 16 हजार रुपये जमा किया।
जांच के बीच ट्रांसफर इस मामले में माधवपुर निवासी विजय शुक्ला ने शिकायत की। जिसके बाद नगरायुक्त स्तर पर कर अधीक्षक को जांच अधिकारी बनाकर मामले की जांच शुरू की गई। कर अधीक्षक ने सभी मामलों में जांच करते हुए कंप्यूटर विभाग से पुन: संशोधित बिल बनवा कर जारी कर दिए। वहीं इस मामले में दोषी लिपिक को आरोप पत्र जारी करते हुए उसका दूसरी सीट पर तबादला कर दिया गया। इस मामले में कर निर्धारण अधिकारी ने बताया कि कि नगर निगम के लिपिक का हस्तांतरण गृहकर विभाग से जलकल विभाग में कर दिया गया है। ऐसा नहीं है कि जांच के बाद आरोप साबित होता है तो कार्रवाई नही होगी। फिलहाल लिपिक को उसकी सीट से हटाया गया है ताकि जांच में किसी प्रकार की परेशानी न हो। मनीष बंसल, नगरायुक्त