मोर पंख के रंगों से सजे रैपिडएक्स स्टेशन
मेरठ ब्यूरो। एनसीआरटीसी में रैपिड रेल ट्रैक और स्टेशन तेजी से अपने वास्तविक स्वरूप आता जा रहा है। शहर के अंदर रैपिड रेल ट्रैक और स्टेशन का काम कई जगह पर अंतिम स्थानों पर पहुंच चुका है। वहीं रेल कॉरिडोर के लिए निर्मित रैपिडएक्स स्टेशन भी मोर पंख के रंग बिरंगे रंगों से सजना शुरु हो गए है। एनसीआरटीसी ने स्टेशनों को रंगने की प्ररेणा मोरपंख के रंगों से ली है। जिससे स्टेशन की खूबसूरती कई गुना बढ़ गई है। राष्ट्रीय पक्षी के रंगों से रंगे स्टेशन
गौरतलब है कि लोगों को सार्वजनिक परिवहन के साधनों से यात्रा करने के लिए प्रेरित करने के लिए एनसीआरटीसी ने स्टेशनों की संरचना के हर आयाम पर विशेष ध्यान दिया है और यात्रियों की हर छोटी-बड़ी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उसे स्टेशन डिजाइन में शामिल किया है। इसी क्रम में आरआरटीएस कॉरिडोर के प्रायोरिटी सेक्शन के स्टेशन परिचालन के लिए तैयार हो चुके हैं और यह पूरा कॉरिडोर मोरपंख के रंगों की रंगावली में सजा हुआ नजर आने लगा है। स्टेशन के बाहरी फसाड के रंगों की प्रेरणा भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर के पंखों की छटा में बिखरी रंगावली से ली गई है। फसाड की संरचना को नीले रंग के 2 शेड्स और बेज रंग में बनाया गया है।
गति को दर्शाता है स्टेशन रैपिडएक्स कॉरिडोर के स्टेशनों की बाहरी छत के दोनो किनारों को उठा हुआ बनाया गया है जो गति को दर्शाता है जो रैपिडएक्स ट्रेनों की प्रमुख विशेषता है। इस विशेष डिजाइन के पीछे एक वजह यह भी है कि रैपिडएक्स कॉरिडोर के स्टेशनों की चौड़ाई प्रत्येक स्टेशन के हिसाब से अलग-अलग हैं। ऐसे में उनमें एकरसता और लीनियर डिजाइन को दर्शाने के लिए इसे खास आकार दिया गया है। बाकी स्टेशन की फ्लोरिंग के लिए वैक्यूमाइज़्ड डेंस कॉनक्रीट (वीडीसी) का उपयोग किया गया है। वैक्यूमाइज़्ड कंक्रीट एक ऐसे प्रकार का कंक्रीट होता है जिसमें कंक्रीट को मज़बूती प्रदान करने के लिए उसकी मिक्सिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले अतिरिक्त पानी को निकाल दिया जाता है। साथ ही सुंदरता के लिए इसमें ग्रेनाइट को मिलाया जाता है।