रैपिड रेल कारिडोर में पटरियों के जोड़ नहीं पता चल सकेंगे
गुलधर-दुहाई के बीच पहला मोबाइल फ्लैश बट्ट वै¨ल्डग प्लांट हुआ स्थापित
प्राथमिकता खंड वाले कारिडोर में रेलवे ट्रैक निर्माण के काम में आएगी तेजी Meerut। रैपिड रेल कारिडोर में पटरियों के जोड़ पता नहीं चल सकेंगे। एनसीआरटीसी इसके लिए मोबाइल फ्लैश बट्ट प्लांट की तकनीक का उपयोग कर रहा है। पहला मोबाइल फ्लैश बट्ट प्लांट गुलधर और दुहाई के बीच आरआरटीएस वायडक्ट पर स्थापित किया गया है। इसे स्थापित करने के लिए 180 टन के क्रेन की मदद ली गई है। एनसीआरटीसी के अधिकारियों का दावा है कि बहुत जल्द एक और प्लांट साहिबाबाद से गा•िायाबाद के बीच स्थापित किया जाएगा। चल रहा दूसरा चरणमालूम हो कि प्राथमिकता खंड वाले 17 किमी। लंबे साहिबाबाद से दुहाई के बीच कारिडोर में आरआरटीएस ट्रैक बिछाने की गतिविधियां दूसरे चरण में पहुंच गई हैं। मोबाइल फ्लैश बट्ट प्लांट स्थापित होने से अब ट्रैक निर्माण में तेजी आएगी। इसके माध्यम से रेल की पटरियों को आपस में जोड़ा जाएगा। दो पटरियों के बीच इस प्लांट के जरिए वै¨ल्डग की जाएगी। इस प्लांट में कई प्रकार की मशीने होती हैं। जिनके उपयोग से पटरियों के जोड़ का पता नहीं चलेगा। मोबाइल फ्लैश बट्ट वै¨ल्डग प्लांट से 18-18 मीटर लंबे रेल के पटरियों को वायडक्ट पर उच्च क्वालिटी की वै¨ल्डग द्वारा जोड़ देता है और यह दोनों दिशाओं के ट्रैक निर्माण में कार्य कर सकता है। रेल के लंबे पैनल बनाने के बाद उन्हें आरआरटीएस के ट्रैक स्लैब के ऊपर स्थापित किया जाएगा। सही लाइन और स्तर देखने के बाद ट्रैक को अन्य कार्यों के लिए सौंप दिया जाएगा।
तेजी से चल रहा निर्माण कार्य मालूम हो कि साहिबाबाद और दुहाई के बीच आरआरटीएस स्टेशन के डि•ाइन व आर्किटेक्चर का कार्य ़फाइनल होने के साथ ही निर्माण कार्य तेज हो गया है। 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कारिडोर में लगभग नौ किमी आरआरटीएस वायाडक्ट के साथ एलिवेटेड सेक्शन के 900 पिलर पूरे हो चुके हैं। इसका •ा्यादातर हिस्सा प्राथमिकता खंड वाले कारिडोर में है। अभी 16 लां¨चग गैंट्री•ा (तारिणी) एलिवेटेड सेक्शन के निर्माण के लिए दिन-रात काम चल रहा है।