पब्लिक स्कूलों को लेनी होगी एनओसी
- पब्लिक स्कूलों की एनओसी को रिन्यू करने की तैयारी
- सन 91 से पहले के 90 प्रतिशत स्कूलों की नहीं है एनओसी। स्वाति भाटिया, मेरठ- अभी हालफिलहाल में ही जेडी कार्यालय पर पब्लिक स्कूलों की एनओसी को रिन्यू करने की तैयारियां चल रही हैं। मगर हकीकत तो ये कहती है कि यहां 91 से पहले के स्कूलों को जेडी विभाग से एनओसी ही नहीं मिली थी। ऐसे में उन स्कूलों का एनओसी नहीं तो रिन्यू कैसे होगा। 91 से पहले के 90 प्रतिशत स्कूलों के यहीं हाल है। आई शिकायतें लगाए हैं आरोपअभी हाल फिलहाल में मेरठ के जेडी कार्यालय पर काफी पेरेंट्स की कम्पलेन आई है कि स्कूल्स अपनी मनमानी करते हैं। इसके साथ ही पेरेंट्स के आरोप रहे हैं कि पब्लिक स्कूलों को शिक्षा विभाग बढ़ावा दे रहा है। काफी स्कूल्स तो ऐसे हैं जिनको मानक पूरे न होने पर भी एनओसी दे रखी है। ये शिकायतें शासन तक भी पहुंची है। जिसके बाद से अब जेडी ने सभी स्कूलों का नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट रिन्यू करने का फैसला लिया है। जुलाई में स्कूल खुलते ही इस पर काम शुरु हो जाएगा।
90 प्रतिशत पर नहीं है सार्टिफिकेटशहर में सौ से अधिक पब्लिक स्कूल्स हैं। इनमें 90 प्रतिशत स्कूल्स 1991 से पहले के हैं। 1991 से पहले के अधिकतर स्कूलों पर एनओसी सर्टिफिकेट ही नहीं है। क्योंकि उस समय यहां से एनओसी बनती ही नहीं थी।
मांगे गए हैं कई बिंदु विभाग ने एनओसी को रिन्यू करने के लिए कई बिंदुओं पर जवाब मांगे हैं, जिनको बाद में चेक कर ही सर्टिफिकेट रिन्यू किया जाएगा। - स्कूल्स का नक्शा संबंधित विभाग से पास है तो उसका डॉक्यूमेंट - स्कूल्स एरिया, सेक्शन, बच्चों की संख्या - सुविधाएं क्या हैं, कितनी लैब हैं। - बिल्डिंग में आपातकालीन स्थिति पर बचाव के लिए कुछ व्यवस्था है। - फीस स्ट्रक्चर क्या है। क्या कहते हैं पेरेंटस पब्लिक स्कूल्स अक्सर ऐसे ही करते हैं, अपनी मनमानी के सामने किसी की भी नहीं चलने देते हैं। आकांक्षा पब्लिक स्कूलों के खेल के सामने कोई भी नहीं टिक पाता है। पब्लिक स्कूलों मोटी कमाई का खेल करते हैं। विनेश तोमर स्कूलों में अक्सर गड़बड़ी देखने को मिलती है, लेकिन इनका न तो कोई अधिकारी कुछ कर पाता है और न ही कोई शासन विमलेशपब्लिक स्कूल्स के सामने किसी की भी मनमानी नहीं चलती है। ये सभी स्कूल्स अपनी ही चलाते हैं।
सतनाम पब्लिक स्कूलों से एनओसी लेने के लिए कहा गया है। मानक के अनुसार विभिन्न बिन्दुओं पर जवाब मांगे गए हैं। डॉ। महेंद्र देव जेडी