Meerut News : पॉलीथिन एक समस्या है
मेरठ (ब्यूरो)। शहर में बैन के बावजूद प्रतिबंधित पॉलीथिन या कहें कि प्लास्टिक बैग का खुलेआम उपयोग जारी है। स्थिति यह है कि बाजार हों गली मोहल्ले की दुकान या फिर फल-सब्जी के ठेले, हर जगह पॉलीथिन का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। जिसके चलते प्रमुख नालों से लेकर कूड़ा स्थल तक पॉलीथिन के कचरे से अटे पड़े हैैं।
सीवर लाइन भी चोक
गौरतलब है कि गत वर्ष केंद्र सरकार भले ही सिंगल यूज प्लास्टिक व पॉलीथिन उत्पाद के प्रयोग व बिक्री पर प्रतिबंध लगा चुकी है। लेकिन मेरठ में यह बैन बेअसर साबित हो रहा है। इसका प्रमुख उदाहरण है शहर अलग-अलग मोहल्लों में जलनिकासी के प्रमुख तंत्र सीवर लाइन और नालों का पॉलीथिन के कारण ब्लॉक होना। बरसात में सीवर ओवरफ्लो की समस्या भी बढ़ गई है। जलकल विभाग के अनुसार पॉलीथिन के कचरे के कारण सीवर सिस्टम ठप हो रहा है। सीवर जेट पंप के माध्यम से जब भी सीवर लाइन की सफाई होती है तो पॉलीथिन कचरे की भरमार निकलती है। नाले का कचरा, गोबर और पॉलीथिन सब कुछ सीवर लाइन में समा रही है, जिससे लाइनें चोक होकर ओवरफ्लो हो रही हैं।
सेहत को भी खतरा
सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजों का हम एक बार ही इस्तेमाल करते हैैं और उन्हें फेंक देते हैैं। मगर इन्हें आसानी से डिस्पोज ऑफ और री-साइकिल नहीं किया जा सकता। इन आइटम्स में 120 माइक्रॉन से कम मोटाई वाली पॉलीथिन, प्लास्टिक बोतल, प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों की प्लास्टिक स्टिक, कैंडी स्टिक, आइस्क्रीम स्टिक, प्लास्टिक कप एंड प्लेट्स, थर्माकोल आदि शामिल हैं। वरिष्ठ कैंसर सर्जन उमंग मित्थल के मुताबिक 50, 75 और 120 माइक्रॉन मोटाई वाली पॉलीथिन में लाई गई खाद्य सामग्री का यूज करने से कैंसर समेत अन्य जानलेवा बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है। इसके साथ ही स्किन से रिलेटेड बीमारियां भी संबंधित व्यक्ति को हो सकती हैैं।
व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले प्लास्टिक वेस्ट का आंकड़ा करीब 40 प्रतिशत है। इसके साथ ही मार्केट एरिया में भी सिंगल यूज प्लास्टिक से निर्मित उत्पादों का जमकर प्रयोग किया जा रहा है। वहीं, अगर सब्जी मार्केट्स की बात करें तो इन मार्केट्स में भी ग्राहकों को प्लास्टिक बैग में सब्जी दी जा रही है। साथ ही चाय की दुकानों में बेहद कम मोटाई वाली पॉलीथिन में चाय पैक करके ग्राहकों को दी जा रही है। जिससे उनकी हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा है।
फैक्ट्स एक नजर में
शहर में रोजाना 800 मीट्रिक टन रोज निकलता है कूड़ा
शहर से वेस्ट 30 मीट्रिक टन करीब प्लास्टिक वेस्ट हर रोज
नगर निगम के प्रवर्तन दल की जिम्मेदारी जब्तीकरण व जुर्माने की
शक्ति सिंह मलिक, प्रवर्तन दल प्रभारी