सर्दियों के साथ शुरु हुए स्मॉग ने सिटी की आबोहवा को दूषित करना शुरु कर दिया है।

मेरठ (ब्यूरो)। हालत यह है कि एक माह पहले तक शुद्ध हवा में सांस लेने वाले शहर के लोगों को पिछले 10 दिनों से ताजी हवा तो दूर साफ हवा तक सांस लेने को शहर में नहीं मिल रही है। नवंबर माह में प्रदूषण के कारण मेरठ शहर की आबोहवा अति दूषित स्तर पर पहुंच गई है। वहीं प्रदूषण स्तर अभी और अधिक खराब होने के आसार हैं।

नवंबर में बढ़ा पॉल्यूशन
प्रदूषण नियंत्रण विभाग के आंकडों पर नजर डालें तो एक माह पहले जहां अक्टूबर माह में 10 अक्टूबर को शहर का एक्यूआई 13 था वहीं 10 नवंबर को यह एक्यूआई बढ़कर 249 पर पहुंच गया। हालांकि, नवंबर माह में दो बार शहर की आबोहवा अति प्रदूषित स्तर पर पहुंच चुकी हैं। इसमें 3 नवंबर को 349 और दो दिन पहले 8 नवंबर को 326 तक एक्यूआई पहुंच चुका है। यानि शहर की आबोहवा अत्याधिक खराब हो चुकी है। इसके परिणाम के चलते शहर में तेजी से सांस व दमे के मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है।

अक्टूबर माह का एक्यूआई
10 अक्टूबर 13
11 अक्टूबर 29
12 अक्टूबर 58
13 अक्टूबर 114
14 अक्टूबर 197
15 अक्टूबर 197
16 अक्टूबर 252
17 अक्टूबर 339
18 अक्टूबर 297
19 अक्टूबर 286
20 अक्टूबर 141
21 अक्टूबर 181
22 अक्टूबर 318
23 अक्टूबर 270
24 अक्टूबर 380
25 अक्टूबर 280
26 अक्टूबर 243
27 अक्टूबर 316
28 अक्टूबर 248
29 अक्टूबर 268
30 अक्टूबर 230

नवंबर माह में बढ़ा प्रदूषण
1 नवंबर- 250
2 नवंबर- 186
3 नवंबर- 349
4 नवंबर- 295
5 नवंबर- 225
6 नवंबर- 274
7 नवंबर- 261
8 नवंबर- 242
9 नवंबर- 326
10 नवंबर- 249

एनसीआर में प्रदूषण स्तर
वहीं यदि एनसीआर की बात करें तो मेरठ का प्रदूषण स्तर केवल दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और बागपत के प्रदूषण स्तर से कुछ बेहतर बना हुआ है। 11 नवंबर को मेरठ के प्रदूषण स्तर में गिरावट दर्ज की गई। जहां प्रदूषण स्तर घटकर 237 पहुंच गया। वहीं सबसे अधिक खराब एक्यूआई एनसीआर के दिल्ली में 346 दर्ज किया गया।

दो दिन से प्रदूषण के स्तर में काफी सुधार आया है। दो दिन पहले तक वायु में प्रदूषक तत्वों के इजाफे के कारण एक्यूआई का स्तर बढ़़ा था। ग्रेप मॉडल के तहत व्यवस्थाएं लागू कराकर प्रदूषण कम करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
विजय कुमार, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी

Posted By: Inextlive