जागृति विहार एक्सटेंशन में पुलिस के पहरे में होगा गृहप्रवेश
मेरठ ब्यूरो। करीब ड़ेढ साल के इंतजार के बाद अब आवंटियों को अपने घर में प्रवेश करने का मौका मिल रहा है लेकिन पुलिस और पीएसी के पहरे में। आवंटियों को अपना आवास पर कब्जा दिलाने के लिए मंगलवार को पीएसी और पुलिस बल ने डेरा डाल दिया। पहुंची पुलिस और पीएसी गौरतलब है कि डेढ़ साल पहले एक्सटेंशन योजना संख्या 11 में आवास विकास परिषद ने 600 से अधिक लोगों को मकानों और भूखंडों का आवंटन कर दिया था। डेढ़ साल से ये आवंटी लोन की किश्त दे रहे हैं लेकिन किसानों से आवास विकास के विवाद के चलते किसान आवंटियों को कब्जा नही लेने दे रहे हैं। आवंटियों ने किया प्रदर्शन
आवंटियों ने अपनी इस समस्या पर कई बार आवास विकास कार्यालय पर प्रदर्शन भी किया। इस पर लंबे मंथन और विवाद के बाद इस माह आवंटियों को आवास पर कब्जा दिलाने के लिए प्रशासन ने कार्यवाही शुरु की है। इसके लिए पुलिस और पीएसी को मंगलवार को तैनात कर दिया गया है। किसान और आवंटी मे विवाद
दरअसल जागृति विहार एक्सटेंशन योजना सरायकाजी, काजीपुर, कमालपुर, घोसीपुर और मेरठ कस्बे की जमीन पर बनी है। जागृति विहार एक्सटेंशन योजना को विकसित करने के लिए साल 2010 से पहले सरायकाजी और काजीपुर की दर एक-एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर, कमालपुर की 800 रुपये, घोसीपुर की 600 रुपये प्रति वर्ग मीटर दर पर जमीन ली गई थी। जून 2014 को 228वीं बोर्ड बैठक में सभी ग्रामों की किसानों को 100 रुपये बढ़ाते हुए अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद से किसानों ने भी बढी हुई राशि के हिसाब से मुआवजे और योजना में अपने भूखंड की मांग शुरु कर दी थी। जिसको लेकर किसान पिछले साल 13 जुलाई से एक्सटेंशन में ही धरने पर बैठे हुए है और योजना में सभी प्रकार के विकास कार्य और आवंटन पर रोक लगाई हुई है।