Meerut: खेलों के नौनिहालों से भविष्य में नाम रोशन करने का सपना संजोया जाता है. ओलंपिक में पदक लाने की आस की जाती है. लेकिन अफसोस प्रदेश सरकार का रुख हमेशा खिलाडिय़ों को हतोत्साहित करता है. प्रदेश सरकार अपने सभी खिलाडिय़ों को एक जैसी ही डाइट दे रही है.


कैसे बनेंगे खिलाड़ी? उत्तर प्रदेश सरकार पहले हॉस्टल में रहने वाले खिलाडिय़ों को 100 रुपए प्रतिदिन की डाइट देती थी, लेकिन कुछ साल पहले प्रदेश सरकार ने इसे 150 रुपए प्रतिदिन कर दिया था। यानि 50 रुपये प्रति डाइट। खिलाडिय़ों को इसमें चार दिन नॉनवेज भी सर्व किया जाता है। <a href="http://polldaddy.com/poll/6473980/" mce_href="http://polldaddy.com/poll/6473980/">क्‍या आप ऐसी खुराक लेकर ओलंपिक में अपने प्रदेश के लिए मेडल ला सकते हैं?</a>क्या है problem?कैलाश प्रकाश स्पोट्र्स स्टेडियम के हॉस्टल सहित प्रदेश के हर स्पोट्र्स हॉस्टल में खिलाडिय़ों को 150 रुपए की ही डाइट मिलती है। इसमें प्लेयर्स पेट तो भर लेता है, लेकिन पॉवर डाइट नहीं मिल पाती है। इससे हॉस्टल के कुश्ती और बॉक्सिंग प्लेयर्स को काफी मुश्किल होती है।कैसे हो पूर्ति?


150 रुपए की डाइट में कुश्ती और बॉक्सिंग खिलाडिय़ों को सिर्फ खाना ही मिल पाता है, लेकिन स्फूर्ति और ताकत वाले इन खेलों में खिलाडिय़ों को अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए खुद ही पैसे खर्च करने पड़ते हैं। परिवार के लोग हर महीने प्लेयर्स को बादाम, काजू जैसे ड्राइफूट का इंतजाम करते हैं।क्यों है ये गलती?

सरकार में शामिल खेल मंत्री का खेलों से कोई जुड़ाव न होना इसका बड़ा कारण है। खेलों से अंजान होने के कारण मंत्री जी को ये पता ही नहीं होता कि किस खेल में प्लेयर को क्या और कितनी डाइट मिलनी चाहिए। बहुत है अंतरजबकि हॉस्टल से अलग हटकर देखें तो यूपी कुश्ती एसोसिएशन अपने प्लेयर्स का ध्यान रखती है। एसोसिएशन की ओर से समय-समय पर प्लेयर्स को बादाम उपलब्ध कराए जाते हैं। सीसीएसयू के कुश्ती खिलाड़ी केपीएस स्टेडियम के खिलाडिय़ों से कहीं ज्यादा बेहतर स्थिति में हैं। हॉस्टल में रहने वाले खिलाड़ी खुद अपना पैसा करने को मजबूर हैं।'खिलाडिय़ों की जो डाइट प्रदेश सरकार ने तय की है, वही खिलाडिय़ों को दी जाती है। अब खिलाड़ी अगर अलग से कुछ खाना चाहते हैं तो वो अपने आप ले आते हैं.'-अभिषेक कुमार, वार्डन और बॉक्सिंग कोच, केपीएस स्टेडियम'एसोसिएशन खिलाडिय़ों का बेहद ध्यान रखती है। खिलाडिय़ों को किसी भी तरह की कमी नहीं होने दी जाती। हॉस्टल में प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही डाइट तो बहुत कम है.'- जबर सिंह सोम, कुश्ती कोच, सीसीएस यूनिवर्सिटीये है असली डाइटबॉक्सिंग

40 से 60 केजी वेट के बॉक्सर्स को चार हजार कैलोरी की जरूरत होती है। वहीं 60 केजी वेट से ऊपर के बॉक्सर्स को साढ़े चार हजार कैलोरी की जरूरत होती है। वहीं बॉक्सर्स की रुटीन डाइट सुबह ब्रेड मक्खन, अंडा, दलिया है, दोपहर में सब्जी, दाल रोटी और फिर शाम को जूस या दूध, साथ में फल। रात को पनीर या नॉनवेज या सोयाबीन, राजमा, ले सकते हैं।कुश्ती अगर पहलवान छोटा है, तो उसे कम डाइट की जरूरत होती है। पहलवान लंबा और भारी है तो उसे अधिक डाइट की जरूरत होगी। नेशनल लेवल तक के पहलवान को चार हजार कैलोरी और ओलंपिक तक जाने वाले बड़े पहलवानों को पांच हजार कैलोरी की जरूरत होती है। डाइट में खाने के अलावा पहलवानों को बादाम, दूध, घी, जूस और दही की जरूरत होती है।

Posted By: Inextlive