पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम न होने के कारण स्टूडेंट्स देश के विभिन्न यूनिवर्सिटीज में शोध करने के लिए चले जाते हैं क्योंकि सीसीएसयू में बीते सात साल से पीएचडी का एंट्रेंस एग्जाम नहीं हुआ है. पीएचडी करने के इच्छुक स्टूडेंट्स को अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

मेरठ (ब्यूरो). पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम न होने के कारण स्टूडेंट्स देश के विभिन्न यूनिवर्सिटीज में शोध करने के लिए चले जाते हैं, क्योंकि सीसीएसयू में बीते सात साल से पीएचडी का एंट्रेंस एग्जाम नहीं हुआ है। पीएचडी करने के इच्छुक स्टूडेंट्स को अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा। क्योंकि सीसीएसयू जल्द ही पीएचडी का एंट्रेंस एग्जाम कराने जा रहा है। मार्च में एंट्रेंस एग्जाम के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर दिया जाएगा। तथा मई में इसकी परीक्षा भी करा दी जाएगी।

बैठक में लिया गया फैसला
सीसीएसयू में गुरुवार को वीसी प्रो। संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें पीएचडी एग्जाम को लेकर चर्चा की गई तथा जल्द पीएचडी एग्जाम कराने का निर्णय लिया गया। बताते चलें कि 2016 से सीसीएसयू में पीएचडी का एंट्रेंस एग्जाम नहीं हुआ है। केवल नेट उत्तीर्ण करने वाले छात्र पीएचडी कर रहे थे। यही नहीं नई शिक्षा नीति के तहत एमफिल को भी बंद कर दिया गया। जिसके कारण पीएचडी करने का सपना देखने वाले छात्र काफी निराश हो गए थे, लेकिन ऐसे छात्रों के लिए अब सुनहरा अवसर है।

वीसी ने लिया संज्ञान
सीसीएसयू की वीसी प्रो। संगीता शुक्ला ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश रिसर्च सेक्शन को दिए। साथ ही विभागानुसार सीटों की संख्या एकत्र करने को भी कहा। यही नहीं कुलपति ने महाविद्यालयों में नियमानुसार रिसर्च गाइड बनाने के भी निर्देश दिए हैं। जल्द ही पीएचडी एंट्रेंस का समन्वयक नियुक्त कर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

हर कोर्स में होंगी दस सीटें
पीएचडी के लिए हर कोर्स में दस सीटों के लिए टेस्ट होगा। यूनिवर्सिटी में 35 कोर्स में पीएचडी का टेस्ट होने वाला है, पीएचडी के लिए सेल्फ फाइनेंस की फीस साल की करीब 30 हजार होगी। वहीं, रेगुलर की 15 से 20 हजार के बीच होगी। जिसका अभी तय होना बाकी है।

स्टूडेंट्स ने जताई खुशी
बहुत ही खुशी की बात है। पीएचडी के लिए हम इंतजार कर रहे थे। अब हम अपने ही यहां आराम से पीएचडी कर सकेंगे। नहीं तो हमें दूसरी यूनिवर्सिटी जाना पड़ता।
अरुण

टेस्ट होने जा रहा है। खुशी की बात है। इससे बहुत स्टूडेंट को फायदा होने वाला है। जल्द से इसके फार्म निकल जाएं ताकि जल्द से जल्द फायदा हो सके।
पवन

यूनिवर्सिटी ने ये बहुत ही अच्छा फैसला किया है। सात साल के बाद स्टूडेंट्स को राहत मिली है। इसको लेकर अभी तक कंफ्यूजन हो रहा था।
शाबान

Posted By: Inextlive