विदेशों में भी आयुर्वेद को पसंद कर रहे लोग
मेरठ (ब्यूरो)। आईआईएमटी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में शिष्योपनयन संस्कार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्टूडेंट्स को आयुर्वेद के प्रति जागरुक किया गया। इस मौके पर गुरू-शिष्य परम्परा का निर्वाह करते हुए प्रथम सत्र में हवन किया गया। इसके बाद महर्षियों को नमन किया गया। प्रिंसिपल डॉ। सुजीत कुमार दलाई। डीएमएस डॉ। एसके तंवर, डॉ। संदीप कुमार डायरेक्टर एडमिन, समस्त शिक्षक एवं चिकित्सक, बीएएमएस के सभी छात्र एवं अन्य स्टाफ आदि मौजूद रहे।
स्टूडेंट्स को दिलाई शपथकार्यक्रम में प्रिंसिपल डॉ.सुजीत कुमार, डीएमएस डॉ। एसके तंवर डीएमएस एवं प्रोवीसी डॉ। एसडी शर्मा द्वारा स्टूडेंट्स को जागरुक किया गया। इसके बाद नव प्रवेशित छात्रों की कलाई में धागा बांधकर शिष्योपनयन संस्कार किया गया। कार्यक्रम में मौजूद सभी स्टूडेंट्स को चरक संहिता की शपथ भी दिलाई गई।
बढ़ रही लोकप्रियता
इस अवसर पर विश्व आयुर्वेद परिषद उत्तर प्रदेश के प्रदेश मंत्री डॉ। चंद्र चूड़ मिश्रा ने बताया कि आयुर्वेद प्राचीन चिकित्सा पद्धति है जो कि भारत में ही नहीं विदेशों में भी लोकप्रिय होती जा रही है। उसका अच्छे से अध्ययन करके समाज की सेवा करें। कार्यक्रम का संचालन डॉ। शॉन कुमार एवं डॉ। कुलसूम ने किया।
ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर डॉ। चित्रांशु सक्सेना, डॉ। ऋतु आदि ने किया। इस अवसर पर डॉ। अंजलि, डॉ। शाजिया, डॉ। सुमन डॉ। प्रदीप कुमार, डॉ। परीक्षित, डॉ। मीनू, डॉ। अनुपमा, डॉ। एकता, डॉ। अतुल, डॉ। मोनिका, डॉ। अनेघा, डॉ। नेहा, डॉ। कंचन शर्मा, डॉ। मीना तांदले, आशीष, राजीव श्वेता, दयाप्रकाश, शेखर, अनिल, गोपाल दत्त, विश्वामित्र आदि उपस्थित रहे।