महंगी पीएनजी दे रही पीड़ा
मेरठ(ब्यूरो)। एनजीटी ने पिछले साल से ही कोयला और लकड़ी को बतौर ईंधन प्रयोग करने वाली इंडस्ट्रीज के संचालन पर रोक लगाने का आदेश दे दिया था। इन इंडस्ट्रीज को पीएनजी पर संचालन के लिए आदेश दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी जनपद की अधिकतर इंडस्ट्रीज पीएनजी संचालित नही हो सकी है। पीएनजी का दाम कोयला और लकड़ी से 5 से 7 गुना महंगा है। ऐसे में इंडस्ट्रीज संचालक पीएनजी पर सब्सिडी की मांग सरकार से कर रहे हैं लेकिन उनको सब्सिडी नही मिल पा रही है। इससे इंडस्ट्रीज का संचालन तक बंद होने की नौबत आ गई है। ऐसे में कोयला और लकड़ी जिसके कारण न केवल उद्योगों को बल्कि राज्य सरकार को भी राजस्व की हानि उठानी पडेगी और इन इंडस्ट्रीज में काम करने वाले कर्मचारियों के रोजगार का संकट भी बन जाएगा।
यह है पीएनजी के दाम में अंतर-
लकड़ी 5 रुपए किलो
कोयला 7 रूपए किलो
पीएनजी 36 रुपए किलो
प्रदूषण अनापत्ति प्रमाण पत्र
वहीं प्रदूषण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में भी उद्यमी को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिन उद्योगों द्वारा किन्ही कारणों से यह अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया गया है उनको आवेदन करने पर उद्योग प्रारम्भ करने की तिथि से ही शुल्क देने का नियम है। इससे इंडस्ट्रीज संचालकों को अतिरिक्त जुर्माना देना पड़ रहा है जो कि इतना अधिक हो जाता है कि उद्यमी प्रमाण पत्र लेने में असमर्थ हो चुके हैं।
पीएनजी अपडेट में आ रही परेशानी -
- पीएनजी लकड़ी एवं कोयले की तुलना में 5 से 7 गुना महंगी है। इसके कारण सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) की उत्पादन लागत भी 4-5 गुणा बढ़ जाएगी। बढ़ी लागत के साथ वर्तमान में औद्योगिक इकाईयों को चलाना सम्भव नहीं है। - उद्योगों को ईधन के रूप मे पीएनजी उपयोग करने के लिए आगरा की तरह सब्सिडी देनी चाहिए। ताकि कम खर्च में पीएनजी लगाई जा सके। - सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को पीएनजी की स्थापना पर सब्सिडी के साथ-साथ ब्याज रहित लोन उपलब्धता की भी व्यवस्था होनी चाहिए। - पीएनजी को वैट के स्थान पर जीएसटी के तहत लागू किया जाना चाहिए, ताकि इकाईयां आईटीसी का दावा कर सकें, जिससे इकाईयों को उत्पादन लागत में मदद मिलेगी और पीएनजी लगाने में रुचि दिखाएंगे।
वर्जन
कोयले से पीएनजी 5 गुना तक महंगी है। इस सेटअप को लगाने में इंडस्ट्रीज को भारी खर्च उठाना पड़ेगा। सरकार इंडस्ट्रीज में पीएनजी के लिए सब्सिडी देने को तैयार नही है। हम लगातार सब्सिडी की मांग कर रहे हैं। आगरा में ताजमहल है इसलिए वहां सब्सिडी दे दी गई तो हमें एनसीआर में क्यों नही मिल सकती है।
- सर्वेश अग्रवाल, चेयरमैन आईआईए
- अनुराग अग्रवाल, डिवीजनल चेयरमैन