आउटडेटेड वाहन सड़कों से हटने शुरू हो गए हैैं...ये तो बस दावें है दावों का क्या
मेरठ (ब्यूरो)। स्क्रैप पॉलिसी का नियम लागू होने के बावजूद अपनी उम्र पूरी कर चुके 10 साल पुराने पेट्रोल और 15 साल पुराने आउटडेटेड डीजल वाहन एनसीआर क्षेत्र में शामिल मेरठ की सड़कों पर फर्रांटा भर पॉल्यूशन फैला रहे हैैं। जबकि आरटीओ विभाग का दावा है कि पुराने वाहन को सड़कों से हटाना शुरू कर दिया गया है। लगातार कार्रवाई कर बिना एनओसी संचालित वाहन सीज किए किए जा रहे हैैं। लेकिन हकीकत ये है कि जनपद में करीब बिना एनओसी 1.81 लाख से अधिक पुराने वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। जबकि विभाग केवल वाहन मालिकों को नोटिस जारी कर खानापूर्ति में जुटा हुआ है।
केवल छह से सात हजार
शहर में ऐसे वाहन मालिकों की सख्ंया छह से सात हजार के बीच है जिन्होंने वाहन पुराने होने के बाद विभाग से एनओसी तो ले ली लेकिन उनका संचालन अभी भी एनसीआर क्षेत्र में जारी है। आंकड़ों के मुताबिक मेरठ के अधिकतर वाहन मालिक अपने 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन को पड़ोस के जनपद बिजनौर में रजिस्टर्ड कराने के बाद मेरठ में ही दौड़ा रहे हैं। इससे उन्हें दो फायदे हो रहे हैैं, एक तो उनके वाहन की आयु पांच साल बढ़ गई, दूसरा अपने ही जिले वाहन चलाने की पाबंदी भी खत्म हो गई है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एनसीआर में डीजल चालित वाहनों की उपयोग अवधि 10 साल और पेट्रोल चालित वाहनों की 15 साल निर्धारित की गई है। इससे अधिक वर्ष के वाहनों का संचालन दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रतिबंधित है। परिवहन विभाग ने वाहन स्वामियों को राहत देने के लिए आरटीओ कार्यालय से एनओसी लेने के लिए मार्च माह तक का समय दिया है। परिवहन विभाग के रिकार्ड के अनुसार करीब 1.81 लाख पेट्रोल और डीजल वाहन पूरी कर चुके अपनी उम्र। अपनी उम्र पूरी कर चुके वाहन दिल्ली-एनसीआर को छोड़कर यूपी के 34 जनपदों में एनओसी लेने के बाद वाहन संचालित कर सकते हैैं। संचालन के लिए एनसीआर से बाहर के निवासी वाहन स्वामी को आरटीओ कार्यालय से एनओसी लेना अनिवार्य है। एनओसी नहीं लेने पर वाहन की आरसी निरस्त किए जाने का है नियम। वहीं स्क्रैप पॉलिसी के अनुसार अगर वाहन मालिक अपना वाहन कबाड़ी को भी बेचता है तो उसकी सूचना परिवहन विभाग को देनी होगी। सूचना न देने पर कमर्शियल वाहन पर परिवहन विभाग का रोड टैक्स लगता ही रहेगा।
पुराने वाहनों की रोकथाम के लिए वाहन स्वामियों को लगातार नोटिस भेजे जा रहेहैं। बावजूद इसके बेहद कम संख्या में वाहन स्वामी एनओसी लेने आ रहे हैैं। मार्च माह का समय देते हुए दूसरा नोटिस जारी किया जा रहा है। नहीं तो उनके वाहन की आरसी को निरस्त कर दिया जाएगा।
कुलदीप सिंह, एआरटीओ