मेडिकल कॉलेज शुरू हुई वायरोलॉजी लैब वायरस के वर्गीकरण संरचना विकास प्रजनन एवं उससे होने वाले रोगों का किया जाएगा अध्ययन।

मेरठ (ब्यूरो)। कोरोना काल के बाद से वायरस जनित बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग बेहद अलर्ट हो गया है। ऐसे में अब बीमारियों के इलाज से ज्यादा उसके कारक की पहचान, उसकी जांच और उससे बचाव ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। इसी को लेकर लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में वायरलॉजी लैब शुरुआत की गई है। इस लैब में तरह-तरह के खतरनाक वायरस की जन्मकुंडली तैयार की जाएगी।

रिसर्च के लिए लैब
वायरलॉजी यानि वायरस पर रिसर्च के लिए लैब बनकर तैयार हो चुकी है, जिसमें वायरस को समय रहते ट्रैक कर लिया जाएगा। इस लैब में रोटा, इबोला, रूबेला, मंकी पॉक्स, स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू आदि वायरस की जांच और उन पर अध्ययन किया जाएगा। साथ ही फैलने के कारकों से लेकर उनके असर और बचाव तक की जानकारी का एकत्र करके रखी जाएगी।

वायरोलॉजी लैब क्या है
वायरल से बने शब्द वायरोलॉजी को हिंदी में विषाणु विज्ञान कहा जाता है जो कि सूक्ष्म जैविकी की एक शाखा है। सूक्ष्म जैविकी की इस शाखा में विषाणुओं का वर्गीकरण, संरचना, विकास, प्रजनन एवं उनसे होने वाले रोगों का अध्ययन किया जाता है।

बढ़ेगी जांच की क्षमता
मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब में वायरस की जेनेटिक स्टडी की क्षमता है। यह लैब एनआइवी पुणे के संपर्क में रहते हुए एच1एन1 की जांच करती है साथ ही इस लैब में कोरोना काल में आसपास के दर्जनों जिलों को मिलाकर 10 लाख से ज्यादा कोरोना सैंपलों की जांच अब तक की जा चुकी है। इसके साथ ही माइक्रोबायोलॉजी लैब में कोरोना, डेंगू, हेपेटाइटिस सी, स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू और चिकनगुनिया आदि की जांच होती है, लेकिन कई बार सैंपलों की संख्या बढ़ जाती है, ऐसे में इन सैंपल को दिल्ली, पुणे और लखनऊ भेजना पड़ता है। इस लोड को कम करने के लिए वायरोलोजी लैब काफी राहत देगी।

इन वायरस पर होगी रिसर्च
मंकी पॉक्स
रोटा वायरस
स्वाइन फ्लू
हरपीज सिंप्लेक्स
बर्ड फ्लू
इबोला
रूबेला

फैक्ट्स एक नजर में
करीब डेढ़ करोड़ की लागत से तैयार हुई वायरोलॉजी लैब।
वायरोलोजी लैब में माइक्रोआर्गनिज्म एवं कोशिकाओं पर होगा शोध।
इससे बीमारियों की पहचान में आएगी तेजी और इलाज होगा आसान।
अत्याधुनिक लैब मध्यम से खतरनाक और तेजी से फैलने वाले वायरस का पता लगाने में सक्षम होगी।
इससे वायरस पर रिसर्च, टेस्टिंग और क्षमता में वृद्धि होगी।
मेडिकल कालेज के छात्रों को नए वायरस के अध्ययन का अवसर मिलेगा।
इस लैब से मेरठ के अलावा यहां गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, मुरादाबाद, सहारनपुर, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत आदि जिलों के भी मरीज को मिलेगी लाभ।

यह अच्छी सुविधा है। इससे मेरठ की पहचान स्वास्थ्य के क्षेत्र में और अधिक बेहतर होगी।
कमल

कोरोना के बाद से लगातार शहर को इस प्रकार की आधुनिक सुविधा वाली लैब की बेहद जरूरत थी।
लोकेश ठाकुर

नए मेडिकल स्टूडेंटस को इस लैब का लाभ मिलेगा। इस लैब में खतरनाक वायरस पर भी रिसर्च हो सकेगी।
सतीश त्यागी

वायरोलॉजी लैब में वायरस से फैलने वाली सभी बीमारियों के असर, कारण और बचाव पर रिसर्च होगी। साथ ही किसी भी बीमारी को फैलने से पहले ही रोका जा सकेगा।
डॉ। आरसी गुप्ता, प्रिंसिपल, मेडिकल कालेज

Posted By: Inextlive