साल 2015 में शहर की सीवर व्यवस्था सुधारने के लिए शुरु हुआ नगर निगम का अभियान आज सात साल बाद भी पूरा नही हो सका है। सीवर लाइन बन कर तैयार है लेकिन चालू ना होने के कारण यह सीवर लाइन ही बरसात में जलभराव का कारण बन रही है। यदि यह सीवर लाइन पूरी तरह चालू होती तो आज शहर की जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त होती और शहर के लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ता है।

मेरठ (ब्यूरो)। अमृत योजना के तहत जल निगम शहर में सीवर लाइन का काम करा रहा है। योजना के तहत अब तक 86.56 किमी सीवर लाइन डाली जा चुकी है। इससे पहले की पुरानी सीवर लाइन मिलाकर अब शहर में करीब 753 किमी का सीवर नेटवर्क तैयार हो चुका है और अब अमृत 2.0 योजना के दूसरे चरण में शहर के बाकी बचे करीब 55 प्रतिशत हिस्से को कवर करने की कवायद चल रही है। इसके लिए शहर में अधिकतर जलभराव की समस्या से ग्रस्त होने वाले क्षेत्रों की सड़कों को खोदकर कर सीवरलाइन डाली जा रही है। अधिकतर इलाकों में तेजी से काम पूरा किया भी जा रहा है लेकिन समस्या यह है कि सीवरलाइन को कनेक्ट कर चालू नही किया जा रहा है। जिस कारण से अधिक पुराने शहर के क्षेत्र जलभराव की समस्या से रुबरु हो रहे हैं।

दो साल से पड़ी ओडियन नाला रोड
स्थिति यह है कि शहर के ओडियन नाला रोड जैसी अति व्यस्ततम सड़क पिछले दो साल से लगातार खुद रही है। गलियों से निकलने वाले पानी को निकालने के लिए नाले से कनेक्टिंग पाइप भी डाले जा रहे हैं। इससे पिछले दो साल से इस रोड पर लोगों का चलना दूभर है। साल भर से लोगों को आए दिन खुदी सड़कों से गुजरना पड़ रहा है। अब बरसात में पूरी ओडियन रोड पर जगह जगह कीचड और गलियों में जलभराव की समस्या बढ़ चुकी है।

ये है स्थिति

इससे पहले की पुरानी सीवर लाइन मिलाकर अब शहर में करीब 753 किमी का सीवर नेटवर्क तैयार हो चुका है।
इससे शहर का करीब 45 प्रतिशत हिस्सा सीवर लाइन नेटवर्क से कवर हो चुका है।
120 करोड़ में पूरा हुआ पहले चरण का काम
2015 में शुरू हुआ था योजना का पहला चरण
इस योजना के तहत हाउस कनेक्शन करने के खर्च का अनुमान 2200 करोड़ लगभग लगाया है।
इसके लिए खर्च का अनुमान 2200 करोड़ लगभग

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थिति-
शहर में जल निगम का एक 72 एमएलडी एसटीपी
जबकि एमडीए के 12 एसटीपी
जल निगम व एमडीए को मिलाकर सीवेज शोधन क्षमता कुल 179 एमएलडी
प्रतिदिन शहर में 338 एमएलडी सीवेज निकलता है
करीब 159 एमएलडी सीवेज काली नदी में बिना ट्रीट किए बहाया जा रहा है।
नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा के तहत 220 एमएलडी का एक एसटीपी स्वीकृत हो चुका है
कमालपुर में बनना है सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट

यहां अभी सीवर लाइन का इंतजार
मलियाना, देवलोक कालोनी, सूर्या पैलेस, गगोल रोड से जुड़े मोहल्ले, पूर्वा इलाही बख्श, भगवतपुरा, जैन नगर, देवपुरी, शेरगढ़ी, कंकरखेड़ा, सोफीपुर, मोदीपुरम फेस दो, पल्हेड़ा, रोहटा रोड से जुड़े मोहल्ले, खड़ौली, हरिनगर, आदर्श नगर, सरधना रोड की कालोनियां, साईपुरम आदि कालोनियों में सीवर लाइन का इंतजार


बुनकर नगर, इस्लामाबाद, किदवई नगर ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां सीवर लाइन है भी और नही भी। सीवर लाइन पूरे क्षेत्र में है नही और जहां है वहां जगह जगह बंद है नालियां कूड़े से जाम है। जरा सी बारिश में पूरा क्षेत्र जलभराव से जूझता है।
शरीफ अहमद

बारिश होने के बाद पानी निकलने के लिए नालियों का ही सहारा है। सीवर लाइन तो हमारे क्षेत्र में चालू ही नही है। ऐसे में घरों का पानी तो दूर बरसात का पानी भी नही निकल पाता।
सिराजुददीन

खत्ता रोड पर नालियां गोबर, कूड़े, कचरे से अटी रहती है। यहां सीवर लाइन का काम अभी हुआ ही नही है। सीवर लाइन भूमिया पुल के आसपास क्षेत्र में डली भी हुई है लेकिन चालू नही है।
अब्दुल्ला हमीद

सीवर लाइन गोलाकुंआ के आसपास सभी गलियों से लेकर मेन रोड में डली हुई है। लेकिन मेन लाइन से कनेक्ट नही है। ऐसे में बारिश का पानी तो दूर घरों तक का पानी नही निकल पाता है।
भूरा

शहर में जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए साफ सफाई और सीवरेज लाइन को चालू करने का काम तेजी से जारी है। पुराने इलाकों में सीवर लाइन का काम भी तेजी से पूरा किया जा रहा है।
ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त

Posted By: Inextlive