Meerut News : मेरठ रोडवेज बस में ऑनलाइन पेमेंट कीजिए और सफर का मजा लीजिए
मेरठ (ब्यूरो)। रोजमर्रा की तरह मोहन रोडवेज बस के सफर से पहले टिकट के लिए खुले पैसे करवाने पास ही की एक पान की दुकान पर पहुंचा। मगर दुकान वाले ने इस बार ऑनलाइन पेमेंट के बदले मोहन को खुले पैसे देने से मना कर दिया। आप भी मोहन की तरह सोच रहे होंगे क्योंइसी क्यों में छिपा है मोहन का जवाब और आपके लिए गुड न्यूज। दरअसल, अब रोडवेज का सफर भी कैशलैस हो गया है। अब यात्री फोन-पे, गूगल-पे, यूपीआई और पेटीएम के जरिए टिकट के पैसों का भुगतान कर सफर का आनंद ले सकेंगे।
डेबिट कार्ड की सुविधा जल्द
कैशलैस सुविधा के तहत मेरठ रीजन के पांचों डिपो को ई-टिकटिंग मशीनों का वितरण कर दिया गया था। इसके तहत यात्री रोडवेज बसों में यूपीआई, फोन-पे, गूगल-पे और पेटीएम से टिकट का भुगतान कर सकते हैं। इसके लिए बकायदा परिचालकों को सिम अलॉट किया जा चुका है। ऑनलाइन पेमेंट के चलते यात्रियों को खुले पैसों की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा जल्द ही डेबिट कार्ड से भी भुगतान की सुविधा यात्रियों को मिलने लगेगी।
नई मशीनों के जरिए टिकट
कैशलैस के साथ ही रोडवेज ने बसों में मशीन के जरिए दिए जा रहे मैनुअल टिकट को भी बदलने की शुरुआत कर दी है। इसके तहत जल्द ही नई मशीनों के जरिए टिकट वितरण की व्यवस्था होगी। इन नई मशीनों के उपयोग के लिए कंडक्टर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन मशीनों के जरिए कैशलेस टिकट खरीदा जा सकेगा। हालांकि, जो लोग कैश में टिकट खरीदना चाहेंगे, उनके लिए पुरानी व्यवस्था के जरिए टिकट की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
ई-टिकटिंग व्यवस्था को एक सॉफ्टवेयर के जरिए कनेक्ट किया जाएगा, जिसका कंट्रोल सारे आरएम और एआरएम के पास रहेगा। इस सिस्टम से वो जान सकेंगे कि बस में कितनी सवारियां बैठी हैं। अब कंडक्टर को नहीं बताना होगा कि उसने कितने टिकट काटे, क्योंकि सारी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी। पैसेंजर्स को ये मिलेंगी सुविधा
कैश न होने पर भी ले सकेंगे टिकट
खुले पैसे को लेकर नहीं होगी समस्या
कंडक्टर टिकट में ओवर चार्जिंग नहीं कर सकेगा
पैसेंजर्स व रोडवेज अधिकारियों के बीच पारदर्शिता आएगी मेरठ रीजन पर एक नजर में
1100 से अधिक रोडवेज बसें
मेरठ, भैंसाली, गढ़, बड़ौत, सोहराबगेट पांच डिपो हैैं
पांच हजार बसों का रोजाना होता है आवागमन
10 हजार से अधिक पैसेंजर्स का रोजाना होता है आवागमन
रोडवेज बसों में सफर के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी खुले पैसों की आती थी। कैशलैस के बाद यात्री को पैसे वापस लेने के लिए भी परेशान नही होना पड़ेगा।
संजीव अग्रवाल
मनीष जैन कैशलैस को लेकर बड़ा सवाल यह है कि यह सुविधा कितने दिन तक मिलेगी। वहीं कैश देकर टिकट लेने की व्यवस्था भी पहले की तरह सुचारू रहेगी।
कमल कैशलेस सुविधा में नेटवर्क का इश्यू बाधा बन सकता है क्योंकि रास्ते में कई रूट पर नेटवर्क नहीं आता है। कैशलैस की सुविधा रोडवेज के लिए भी फायदेमंद साबित होगी।
मयंक कैशलैस के लिए सभी कंडक्टर्स को ई-टिकटिंग मशीन उपलब्ध कराई जा चुकी है। सभी बसों में कैशलैस सुविधा यात्रियों के लिए शुरू हो चुकी है।
केके शर्मा, आरएम