'कर्तव्य' से न मोड़ें मुंह
- प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन गाजियाबाद के अधिकारियों को दी गई ट्रेनिंग
- राज्य सूचना आयुक्त और मास्टर ट्रेनर ने सभी नियमों व अधिनियम को विस्तार से बताया Meerut: प्रथम अपीलीय और जनसूचना अधिकारियों को आरटीआई के नियमों की बाबत ट्रेनिंग देने के क्रम में कमिश्नरी सभागार में बुधवार को गाजियाबाद के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। वर्कशॉप की अध्यक्षता करते हुए राज्य सूचना आयुक्त राजकेश्वर सिंह ने सभी को ताकीद किया कि सूचना मांगना हर नागरिक का अधिकार है। उसी प्रकार सूचना मुहैया कराना भी हर प्रथम अपीलीय और जनसूचना अधिकारी का कर्तव्य है। वे इस कर्तव्य से मुंह नहीं मोड़ सकते। सूचना देते वक्त दोनों पक्षों की बातों को सुनकर निर्धारित समय में समाधान आवश्यक है। रजिस्टर मेंटेन करना जरूरीराजकेश्वर सिंह ने निर्देश दिया कि सभी जन सूचना अधिकारी अधिकारी अपने कार्यालय में जन सूचना अधिनियम की एक रजिस्टर निर्धारित प्रारूप में अनिवार्य रूप से संचालित करें, जिसमें मांगी गई सूचनाओं का पूर्ण विवरण दर्ज किया गया हो। यही नहीं आम आदमी के लिए भी आरटीआई के नियमों को लेकर ब्राउशर उपलब्ध रहेगी। यह उन्हें निशुल्क दी जाएगी, ताकि वे जान सकें कि सूचना मांगने का प्रारूप क्या है।
सादे कागज पर आवेदनसूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 06 के अंतर्गत सूचना के लिए आवेदन संबंधित प्रारूप या सादे कागज पर किया जा सकता है। आवेदन शुल्क 10 रुपए का है, जिसको नकद, बैंक ड्राफ्ट, बैंकर्स चेक या फिर भारतीय पोस्टल ऑर्डर के माध्यम से दिया जा सकता है। इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर डॉ। राहुल सिंह ने अधिनियम व नियमावली से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। यही नहीं उन्होंने अधिकारियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब भी दिया।