कूड़ा नहीं, ग्रैप के नियम जलाए जा रहे हैं जिन्हें देखना था, उन्हीें भनक तक नहीं है
मेरठ ब्यूरो। अब सर्दी की दस्तक शुरू हो गई है। इसके साथ ही स्मॉग का सीजन शुरु हो चुका है। हालांकि, पॉल्युशन पर कंट्रोल करने के लिए प्रदूषण विभाग ने ग्रेप लागू किया है। मकसद है कि हवा में घुल रहे जहर पर अंकुश पाया जाए। अब पॉल्युशन पर कंट्रोल करने के लिए विभागों की कवायद जारी है। बावजूद इसके, शहर में कई जगह खुलेआम कूड़ा जलाया जा रहा है। इससे हानिकारक गैसे हवा में घुल रहीं हैं। बागपत रोड पर भी बीते कुछ दिनों से यही हालात बन रहे हैं। खुलेआम जल रहा कूड़ा इन दिनों शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। उनको खुलेआम जलाया जा रहा है। यह सबसे बड़ी लापरवाही है। हालत यह है कि शहर के लोगों के साथ साथ नगर निगम की अनदेखी के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। ट्विटर पर उठाई समस्या
ऐसा ही एक नजारा बागपत रोड स्थित जसवंत नगर शुगर मिल रोड के आसपास दिखाई दे रहा है। यहां शाम होते ही कूड़े के ढ़ेर में आग लगा दी जाती है। इस समस्या को स्थानीय नागरिक पंकज गुप्ता ने टवीट कर एनजीटी समेत नगर निगम, डीएम से समस्या के निस्तारण की मांग की है। रोजाना जलाया जा रहा कूड़ा सर्दियों के साथ ही जिले में प्रदूषण और स्मॉग की चादर बढ़ रही है। ऐसे में इस प्रदूषण और स्मॉग को रोकने के लिए एनजीटी से लेकर प्रदूषण विभाग ने ग्रेप लागू कर प्रदूषण के कारकों पर लागम का प्रयास शुरु कर दिया है। लेकिन नगर निगम की लापरवाही के चलते एनजीटी का प्रयास विफल हो रहे हैं। निगम ने दावा किया था कि कूड़ा जलने की घटनाओं को रोकने के लिए ऐसी सख्त व्यवस्थाएं की गई है कि शहर में कहीं भी कूड़ा नही जलेगा तो तुरंत एक्शन होगा एफआईआर होगी, लेकिन शहर में कूड़ा जलने की घटनाएं कम नही हो रही है। स्थानीय लोगों को हो रही दिक्कत
शहर की आबोहवा में धुआं घुल रहा है। इस नजारा बागपत रोड पर जसवंत शुगर मिल के प्रांगण में दिखाई दे रहा है जहां रोजाना कूड़ा जलाया जा रहा है। रात भर यहां जलता कूड़ा आसपास के लोगों के लिए भारी परेशानी का कारण बन चुका है। लोगों को धुएं के कारण सांस लेने में परेशानी तक उठानी पड़ती है। एफआईआर की खानापूर्ति स्मॉग के खतरे को देखते हुए गत माह नगर निगम ने कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का नियम बनाया था। इसके लिए सभी वार्डो में गश्ती दल बनाकर कूड़ा स्थलों की निगरानी और साफ सफाई की व्यवस्था की गई थी।् गश्ती दल का काम था कि कूड़ा स्थल हमेशा साफ रहे एक बार कूड़ा डलने के बाद दोबारा कूड़ा एकत्र ना हो सके। वहीं आग लगने पर तुरंत उसे बुझाया जाए। लेकिन निगम की लापरवाही के चलते ऐसा नही हो सका। शहर में रोजाना कहीं ना कहीं कूड़ा जल रहा है और निगम एफआईआर के नाम पर अज्ञात में खानापूर्ति कर रहा है। वर्जन हम लगातार कूड़े की सफाई कराकर इस प्रकार की घटनाओं को रोकने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन यह तभी संभव है जब स्थानीय लोग खुद जागरुक होकर समय से हमें सूचना दे देें। - डा हरपाल सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी