-गैर सरकारी संस्थाओं ने भुनाया, विभागों ने भुलाया

-परिवहन विभाग के इस अभियान में शामिल होने थे शिक्षा, नगर निगम समेत कई विभाग

Meerut : लापरवाही से हो रहे सड़क हादसों से किसी का घर उजड़ रहा है तो किसी का परिवार। सरकार इस ओर गंभीर है लेकिन विभाग बेहद लापरवाह हैं। शासन के निर्देश पर अभियान के तहत शुक्रवार को 'नो एक्सीडेंट डे' का नाम दिया गया और परिवहन विभाग को विभिन्न गतिविधियों के संचालन का जिम्मा सौंपा गया। असल तस्वीर पर गौर करें तो ट्रैफिक पुलिस ने रोजाना की तरह कुछ चालान किए जबकि अफसरों ने एनजीओ के कार्यक्रमों के फीते काटे।

विभागों ने काटी कन्नी

परिवहन विभाग द्वारा नगर निगम, रोडवेज, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई, ट्रैफिक पुलिस आदि विभागों को पत्र लिखकर 'नो एक्सीडेंट डे' के संबंध में जानकारी देते हुए सहयोग की अपेक्षा की गई थी। सरकार के निर्देशों की अवहेलना करते हुए विभिन्न विभागों ने शुक्रवार को इस अभियान में सहयोग नहीं किया। एआरटीओ शिवशंकर सिंह ने इस बात की पुष्टि की। महज ट्रैफिक पुलिस ने रुटीन चालान कर खानापूर्ति की।

सीओ ट्रैफिक 'अनजान'

आश्चर्यजनक तो यह है कि सीओ ट्रैफिक वंदना मिश्रा को अभियान की पूर्व संध्या तक इस संबंध में जानकारी नहीं थी।

अफसरों ने काटे महज फीते

ग्राउंड रियलिटी से दूर इस अभियान में कुछ गैर सरकारी संस्थाओं के कार्यक्रमों के फीते अवश्य अफसरों ने काटे। मसलन जनहित सेवा समिति द्वारा भैंसाली रोडवेज बस अड्डे पर निशुल्क नेत्र परीक्षण कैंप आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन एसपी ट्रैफिक पीके तिवारी ने किया। यहां 113 चालकों की आंखों का परीक्षण किया गया। सीओ ट्रैफिक वंदना मिश्रा भी मौजूद थीं तो वहीं सोहराबगेट डिपो पर एक कैंप लगाया गया, जिसमें 50 चालकों का परीक्षण किया गया।

एनजीओ ने बचाई लाज

मिशिका सोसाइटी, मेरा शहर मेरी पहल ने शहर के चौराहों पर जागरूकता रैली निकाली। कमिश्नरी आवास, बेगमपुल, बच्चा पार्क, ईव्ज, हापुड़ अड्डा, तेजगढ़ी, बागपत अड्डा, फुटबाल चौराहा, रोहटा रोड चौराहा आदि स्थानों पर अभियान चलाया गया। सोहराब गेट बस स्टैंड पर चालकों के लिए नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस अभियान में कई स्कूलों के बच्चे शामिल थे। एसपी ट्रैफिक और सीओ ट्रैफिक फीता काटने के लिए यहां भी मौजूद थे।

अभियान बनाम अहसान

आई नेक्स्ट ने शुक्रवार अभियान की सच्चाई से परदा हटाने का काम किया तो जो सच्चाई सामने आई वो चौंकाने वाली थी। ट्रैफिक विभाग के एक बड़े अफसर ने शहर की कुछ समाजसेवी संस्थाओं को राजी किया और अभियान के दौरान कैंप लगाने, जागरूकता के लिए बच्चे इकट्ठे करने के लिए कहा। बातचीत में एक संस्था ने स्वीकारा कि ट्रैफिक अफसर ने उसने शुक्रवार को नेत्र कैंप लगाने का प्रस्ताव रखा था तो वहीं चौराहों पर जागरूकता अभियान चलाने के लिए भी एक एनजीओ को तैयार किया गया था।

ये होना था

-जनपद के 18 चौराहों पर पुलिस परिवहन विभाग के अफसर जनजागरूकता की गतिविधियों का संचालन करते।

-ब्लैक स्पॉट पर एबुलेंस समेत विभागों को तैनात रहना था, मॉक ड्रिल, रिहर्सल आदि शामिल था।

-आधा दर्जन विभागों की भागेदारी होनी थी, महज परिवहन, ट्रैफिक और रोडवेज विभाग अभियान में शामिल हो सके।

-हादसों को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम के साथ पंफलेट, स्टीकर बांटने थे, रैली निकालनी थी। आदि।

ये हुआ

-दो एनजीओ ने रोडवेज अड्डों पर नेत्र कैंप लगाए, स्कूली बच्चे चौराहों पर रहे।

-तीन परिवहन अधिकारी मेरठ, सरधना, मवाना तहसील में तैनात किए गए, क्या किया-यह अपडेट एआरटीओ सिंह नहीं दे पाए।

-ट्रैफिक पुलिस द्वारा 15 प्वाइंट पर रुटीन चेकिंग, रोजाना की तरह करीब 200 वाहनों के चालान किए।

यहां हुए हादसे

- हादसे में एक की मौत: परीक्षितगढ़ मार्ग पर शुक्रवार देर शाम ततीना मोड़ पर अज्ञात वाहन ने दो बाइकों में साइड मार दी। दुर्घटना में एक बाइक चालक की मौत हो गई जबकि दूसरा बाइक सवार को गंभीर हालत में जिला अस्पताल भेज दिया।

- लगा जाम: शुक्रवार को मेरठ पौड़ी मार्ग पर कस्बा बहसूमा में शुक्रवार को गन्ने के ओवरलोड ट्रक होने के कारण घंटो जाम रहा जिससे मार्ग पर दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतारें लगी रही। घंटों बाद पहुंची पुलिस।

- मेरठ-हापुड़ रेलवे ट्रैक के पांची रेलवे फाटक पर शुक्रवार अपराह्न गन्ने से लदी ट्राली पलट गयी। हालांकि ग्रामीणों ने गन्ने हटाकर आनन-फानन में मार्ग साफ करते हुए हादसे को टाला।

-दौराला के समीप हाइवे पर कार ने भाकियू के पूर्व जिलाध्यक्ष रविंद्र दौरालिया की स्कूटी में टक्कर मार दी। टक्कर लगने से किसान नेता घायल हो गए।

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'नो एक्सीडेंट डे' पर ट्रैफिक पुलिस समेत कई विभागों की भागेदारी थी। विभागों को सूचित किया गया किंतु उनकी ओर से कोई रिस्पांस नहीं आया। ट्रैफिक पुलिस, रोडवेज और कुछ एनजीओ ही इस अभियान में शामिल हो सके।

शिवशंकर सिंह, एआरटीओ

Posted By: Inextlive