हरिओम सुसाइड केस में नौ पर मुकदमा
सभी आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने की धारा में दर्ज हुई एफआईआर
आरोपियों में सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल कृष्ण, शेयर होल्डरों समेत नौ लोग हैं शामिल Meerut। शहर के चर्चित हरिओम आनंद सुसाइड मामले में एक माह बाद रविवार को पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर ही लिया। मानसी आनंद की तहरीर पर नौचंदी थाने में सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल भटनागर, उनकी पत्नी मुक्ति भटनागर एवं शेयर होल्डर तथा फाइनेंसरों समेत नौ लोगों को नामजद किया गया है। मुकदमे में सभी को आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए मजबूर करना) का आरोपी बनाया गया है। मुकदमा दर्ज करने के बाद भी एफआईआर को दिनभर छिपाने की कवायद भी चलती रही। एसआईटी भी गठितपुलिस के इस कदम के बाद अब सवाल यह उठने लगा है कि उन्हें जब मानसी आनंद की तहरीर पर ही मुकदमा दर्ज करना था तब एक माह का लंबा समय क्यों लगाया गया। हालांकि अफसर दावा कर रहे हैं कि मुकदमे में एसपी सिटी की जांच रिपोर्ट को भी शामिल किया जाएगा। नौचंदी थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी पक्ष में भी हलचल मच गई है। मुकदमा दर्ज करने के बाद कप्तान ने एसआईटी का गठन भी कर दिया है। जिसके प्रभारी एसपी क्राइम रामअर्ज को बनाया गया है। उनके अधीन दो इंस्पेक्टर और साइबर एक्सपर्ट से लेकर चार्टर्ड एकाउंटेंट तक से राय लेने की अनुमति प्रदान की गई है, ताकि आत्महत्या के सभी पहलुओं पर गौर किया जा सके।
पुलिस के पास दूसरा उपाय नहीं मानसी आनंद की शिकायत पर एसपी सिटी ने 25 दिनों तक जांच की। उसके बाद एसएसपी को रिपोर्ट पेश कर दी। एसएसपी ने पहले हरिओम आनंद के द्वारा कप्तान को लिखे गए पत्र पर मुकदमे की संस्तुति की। कानूनी अड़चन आने के बाद उस पर मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सका। मानसी से भी दूसरी तहरीर लेने की कोशिश हुई, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। उसके बाद कानूनी रायशुमारी की गई। अंत में एसएसपी ने मानसी आनंद की तरफ से दी गई तहरीर पर ही मुकदमे दर्ज करने के आदेश कर दिए। इनके खिलाफ हुआ मकदमा सुभारती ग्रुप के ट्रस्टी अतुल कृष्ण, उनकी पत्नी मुक्ति भटनागर, शेयर होल्डर जीएस सेठी, ललित भारद्वाज, ट्रेवल एजेंसी संचालक आकाश खन्ना, फाइनेंसर राहुल दास, समय सिंह सैनी, मुमताज कामरान और शमीम।