ओरल सेमाग्लूटाइड की नई टेक्नॉलोजी समझाई
मेरठ ब्यूरो। मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के सेमिनार कक्ष में ओरल सेमाग्लूटाइड पर एक सीएमई (चिकित्सा शिक्षा का सतत कार्यक्रम) मेडिसिन विभाग एवं एंडोक्रिनोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित किया गया।
नवीनतम तकनीकी बताई
इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ। अविनाश शर्मा, सहायक आचार्य, एंडोक्राइनोलॉजी विभाग ने भाग लिया और ओरल सेमाग्लूटाइड की नवीनतम तकनीकी और चिकित्सीय दृष्टिकोण पर अपने विस्तृत विचार साझा किए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मेडिकल कॉलेज मेरठ के कार्यवाहक प्रधानाचार्य डॉ। ज्ञानेश्वर टोंक उपस्थित रहे। उन्होंने नई दवाओं और उपचार तकनीकों पर विचार-विमर्श की आवश्यकता पर जोर दिया और इस पहल की सराहना की। उन्होंने बताया कि ओरल सीमाग्लूटिड दवाई डायबिटीज को कम करने के साथ अन्य बीमारी जैसे मोटापा और हृदय संबंधित मरीजो के लिए लाभदायक हैं। कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज मेरठ के मुख्य अधीक्षक डॉ। धीरज बालियान, मेडिसिन विभाग की आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ। योगिता सिंह, मेडिसिन विभाग की आचार्य डॉ। आभा गुप्ता, एंडोक्राइनोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ। संध्या गौतम, फिजियोलॉजी विभाग की आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ प्रीति राठी और मेडिसिन विभाग की सह-आचार्य डॉ। स्नेहलता वर्मा आदि भी कार्यक्रम में भाग लिया।