न वाटर एटीएम चल रहे हैं न हैंडपंप कैंट में किल्लत नहीं, बदइंतजामी है
मेरठ (ब्यूरो)। इस तपती धूप में यदि आप कैंट एरिया में हैं तो उम्मीद मत कीजिएगा कि आपको स्वच्छ व ठंडा पेयजल उपलब्ध हो जाएगा। क्योंकि कैंट एरिया में लगे 21 वाटर एटीएम में से एक भी चालू नहीं हैं। कहने को तो पूरे कैंट में 78 हैंडपंप भी हैं। लेकिन, इनमें से 69 खराब पड़े हैं। ऐसे में लोगों को पानी की एक बूंद के लिए इधर-उधर भटकना पड़ सकता है।
प्रमुख बाजारों में वाटर एटीएम
कैंट बोर्ड इन दिनों स्वच्छता अभियान की दौड़ में प्रथम रैंक पाने के लिए सफाई अभियान पर जोर दे रहा है। लेकिन, कैंट को स्मार्ट बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2017-18 में सवा करोड़ रुपए खर्च कर लगाए गए वाटर एटीएम की ओर कोई ध्यान नहीं है। सार्वजनिक स्थलों पर लगे ये वाटर एटीएम लोगों की प्यास बुझाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। इन एटीएम की लोकेशन सप्लाई डिपो रोड चौराहा, लालकुर्ती थाने के पास, बेगमपुल, लालकुर्ती घोसी मोहल्ला, सदर बाजार में शिवचौक, दस मोटर्स के सामने आबूलेन बाजारा, गांधी बाग, रजबन बाजार, वेस्ट एंड स्कूल रोड, बाबा औघडऩाथ मंदिर के पास तय की गई। लेकिन, इन सभी प्रमुख स्थानों पर लगे ये वाटर एटीएम सिर्फ शोपीस बने हुए हैं।
बस प्रचार तक सीमित
कैंट बोर्ड एरिया में लोगों की प्यास बुझाने के लिए लगे इन वाटर एटीएम से एक बूंद भी पानी नहीं निकलता है। हालांकि अब इनका उपयोग बस प्रचार तक सीमित रह गया है। इन दिनों वाटर एटीएम सिर्फ प्राइवेट कोचिंग संस्थाओं, कंपनियों व सरकारी एड के पोस्टर चिपकाने के काम आ रहे हैं।
गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। आगे और भी गर्मी पड़ेगी। लोगों को गर्मी में पानी की आवश्यकता है। लेकिन बंद पड़े ये वाटर एटीएम सिर्फ एड के लिए काम आ रहे हैं। चालू कराने के लिए आवाज उठाई जाएगी।
नवीन गुप्ता, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संघ पहले भी वाटर एटीएम को सही कराने के लिए आवाज उठाई थी। लेकिन, इसके बाद भी कैंट ने मशीनें ठीक नहीं कराईं। एक बार फिर से यह मुद्दा उठाया जाएगा।
अमरदीप बाधवा, संगठन मंत्री, सदर व्यापार मंडल राहगीरों को पीने के लिए पानी नहीं है। मशीनें धूल फांक रही हैं। कुछ वाटर एटीएम पर सिर्फ एड सजे हुए हैं। इसके लिए कैंट बोर्ड को लेटर लिखा है।
ब्रजमोहन अग्रवाल, व्यापारी नेता
ये मशीनें नहीं चलानी हैं तो कैंट बोर्ड इनको बेच दें। इतने मोटे खर्च से लगी इन मशीनों का रख-रखाव नहीं हो पा रहा है। बेचने के बाद कुछ पैसा तो वापस आएगा।
दीपक चड्ढा, व्यापारी नेता
बजट की काफी कमी चल रही है। रैवेन्यू नहीं आ रहा है। कर्मचारियों की सेलरी तक में दिक्कतें आ रही हैं। चीजों को समझकर उनका हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है। अभी पदभार मिला है। इसलिए अधिक जानकारी नहीं है।
हरेंद्र सिंह, कार्यवाहक सीईओ, कैंट बोर्ड