एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हर वर्ग ने अपना-अपना नेता चुना है। जाटवों ने मायावती को यादवों ने अखिलेश को अपना नेता माना है। वहीं चौधरी चरण सिंह से लेकर जयंत तक ने जाटों को अपने साथ बताया। सीएम योगी को ठाकुर अपना नेता मानते हैैं कहा कि पीएम मंत्री टेनी को अपनी कैबिनेट से हटा पा रहे हैैं उन्हें पता है कि इससे ब्राह्मïण समाज के लोग नाराज हो जाएंगे। सभी ने अपनी जाति बिरादरी और समाज के लिए कुछ न कुछ हासिल किया है लेकिन इतनी बड़ी तादात में रहने के बाद भी मुसलमानों ने कुछ हासिल नहीं किया। कहा कि यदि आप चाहते हैैं कि उप्र में आपको अपना हिस्सा मिले तो सियासी ताकत बनना पड़ेगा। आपको भी अपना नेता चुनना होगा।

मेरठ (ब्यूरो)। शनिवार को बिजली बंबा बाईपास पर शोषित वंचित सम्मेलन को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने कहा कि 34 साल पहले 70 मुसलमानों को गोली मारकर मलियाना में शहीद कर दिया गया था। लेकिन अभी तक भी मुकदमा खत्म नहीं हुआ है। कहा कि सबसे कम ग्रेजुएट, सबसे ज्यादा ड्रापआउट मुसलमान हैैं। कहा कि हमने जनसंघ को हराया है। कांग्रेस से नाराज हुए तो हमने बसपा, सपा का साथ दिया, लेकिन इसके बाद भी किसी ने ये नहीं कहा कि मेरठ से मुसलमानों को भी विधायक या सांसद बनाओ। इस दौरान ओवैसी को सुनने के लिए बड़ी तादात में मुसलमानों की भीड़ एकत्र हुई।

सपा, बसपा, कांग्रेस पर निशाना
पूर्व सांसद अतीक अहमद की पत्नी और बेटा भी सम्मेलन में पहुंचे। इस दौरान अतीक अहमद के बेटे अली ने कहा कि बीजेपी से हमें शिकायत नहीं है, हमें शिकायत उनसे है जिन्होंने हमारा वोट लिया, लेकिन कुछ नहीं किया। इस दौरान अली ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने मुसलमानों से अपना सियासी लीडर चुनने के लिए आह्वान किया।

अतीक अहमद का पत्र पढ़ा
पूर्व सांसद अतीक अहमद की पत्नी ने भी सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने गुजरात की साबरमती जेल से भेजे गए अतीक अहमद के पत्र को पढ़कर मुसलमानों को सुनाया। पत्र में लिखा कि डरे हुए मजबूरी में दिए वोट की कीमत नहीं होती। हमारी पार्टी एआईएमआईएम है। हमारे नेता असदुद्दीन ओवैसी हैं। उनके साथ आ जाओ। सपा को 100 से 150 सीट हरा देंगे। बीजेपी से डरना बंद करो। बीजेपी ने हमारा नुकसान नहीं किया। मैं भी बीजेपी से नहीं डरा। हमें बीजेपी से कोई शिकायत नहीं। शिकायत तो उनसे होती है जिनसे उम्मीद होती है। अखिलेश यादव ने मुसलमानों से मुंह मोड़ लिया है। आजम खां के साथ उनके रवैये को देखकर समझ सकते हैं। वो राजभर से हाथ मिला रहे हैं। लेकिन एआईएमआईएम से बात नहीं कर रहे। इसलिए अपना सियासी लीडर चुनना जरूरी है।

Posted By: Inextlive