बारिश में 'छूटा' कैच द रेन अभियान
शहर में जगह-जगह जलभराव से अभियान की खुली पोल
Meerut। बारिश से बुधवार को शहर में जगह-जगह जलभराव हो गया। इससे कैच द रेन अभियान की पोल खुल गई। अभियान के लिए दिशा-निर्देश दिए हुए एक माह से अधिक समय बीतने के बावजूद अभियान को लेकर जमीनी स्तर पर कोई काम नही हुआ। सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह ने बताया कि कैच द रेन अभियान के तहत काम शुरू किया जा चुका है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की भी जांच कराई जा रही है। लोगों को जागरुक कर जल संरक्षण के तरीके बताए जा रहे हैं। अधर में अभियानदो माह पहले केंद्र सरकार ने कैच द रेन अभियान शुरू किया था। इसके तहत वर्षा जल संचयन की जिम्मेदारी कई विभागों को सौंपी गई थी। इसमें सबसे प्रमुख काम नगर निगम को करना था। इसके लिए गत माह वेबिनार के जरिए जल संचयन के काम को गति देने के निर्देश भी जारी हुए थे। मगर सभी निर्देशों और योजनाओं पर काम केवल कागजों तक सीमित रहा। दो माह से अधिक समय बीतने के बाद भी इस अभियान के तहत निर्धारित एक भी योजना पर काम नहीं हुआ। जिस कारण से शहर में बुधवार को आई मानसून की पहली बारिश के बाद हर तरफ जलभराव दिखाई दिया।
कागजों में जल संचय
इस अभियान के तहत आम आदमी तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सहित जल संचयन की अन्य योजनाओं की जानकारी पहुंचाने से लेकर योजना का प्रचार-प्रसार करना, शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की रिपेयरिंग और नए सिस्टम लगाने से लेकर सड़क किनारे बरसात के पानी को एकत्र करने के लिए क्यारियां, स्प्रिंकलर सिस्टम, ड्रिप इरिगेशन, रेन वाटर टैंक, साइफन स्थापित करने के साथ-साथ हैंड पंप के बोरिंग की रिपेयरिंग तक को शामिल किया गया था। मगर इन योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए न तो विभागों ने तकनीकी सलाह देने का काम शुरू किया है और न ही योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया गया। किसी भी विभाग ने जल संचयन के माध्यमों की जानकारी मुहैया कराने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी नहीं किए हैं। इसके अलावा कोई आम नागरिक अपने मकान या प्रतिष्ठान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का इच्छुक है तो उसे भी स्वयं के खर्च पर ही लगाना होगा। कोई सरकारी आíथक मदद नहीं दी जाएगी। दरअसल, सरकार की तरह से ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में कैच द रेन अभियान पूरी तरह से कागजी साबित हो रहा है। विभागों को सौंपी जिम्मेदारीकैच द रेन अभियान के लिए सरकार द्वारा भूगर्भ जल विभाग, नगर निगम, एमडीए, वन विभाग, उद्यान विभाग, लघु सिंचाई विभाग, कृषि विभाग, ग्राम विकास विभाग, जल निगम समेत अन्य विभागों को जल संचयन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इनमें से एमडीए और नगर निगम को शहर में सरकारी विभागों, पार्को व बेकार पड़े हैंडपंप के पास रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। मगर शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपडेट ही नहीं हुए।