बारिश के दौरान जलभराव से जूझते हैं शहर के कई इलाके इस बार पंप के जरिए पानी निकालने की तैयारी में जुटा निगम

मेरठ ब्यूरो। हर साल बारिश में नाले की सफाई और जल निकासी के लिए निगम योजना बनाता है। वॉटर ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के दावे भी करता है। बावजूद इसके, बारिश में जलभराव होना शहर का सच है। शहर के कई ऐसे मोहल्ले ऐसे हैं जहां जलभराव की प्रॉब्लम हर साल का सच है। अब निगम ने ऐसे 38 जगहों की सूची तैयार की है, जहां पर हर साल जलभराव की दिक्कत होती है। अब निगम की ओर से विशेष तौर जलभराव होने वाली जगहों पर अभियान चलाया जाएगा। ताकि वॉटर लॉगिग यानि जलभराव की समस्या से निजात दिलाई जा सके।
जलभराव से जूझते हैं लोग
खास बात है कि इस सीजन में अब तक तीन बार तेज बरसात हो चुकी है। बारिश के बाद हर बार शहर के लोगों को घंटों तक भारी भरकम जलभराव से जूझना पड़ता है। कई इलाकों में 24 घंटे तक जलभराव से लोग जूझते रहते हैं। कुछ जगहों पर पर तो घरों तक में पानी पहुंच जाता है। निगम का इस साल भी दावा था कि जलभराव नहीं होगा। ऐसे में निगम ने इस बार शहर की तीन दर्जन से अधिक कालोनियों का चयन किया है, जहां बरसात के बाद तुरंत जल निकासी के लिए काम किया जाएगा।

पंप से होगी जल निकासी
इसके लिए निगम ने 40 के करीब वाटर पंप की व्यवस्था की है। ये पंप जल भराव संभावित चयनित मोहल्लों में लगाए जाएंगे, ताकि पंपों को बरसात के तुरंत बाद चालू कर दिया जाएगा जिससे जलभराव वाले क्षेत्रों से तुरंत बरसात का पानी निकाला जा सके। हालांकि वाटर पंप की व्यवस्था भी हर साल निगम करता है लेकिन समय पर ना तो पंप उपलब्ध होते हैं और नही चल पाते हैं।

यहां होता है जलभराव
- दिल्ली चुंगी, अहमदनगर, खैरनगर, भगवतपुरा, मकबरा डिग्गी, नगर निगम परिसर, जैदी सोसाइटी, लेडीज पार्क, नौचंदी मैदान, वैशाली कॉलोनी, ब्रह्मपुरी, सुभाषनगर, मोहनपुरी, जेल चुंगी, प्रवेश विहार, पोदीवाड़ा, दिल्ली रोड डिपो, सराय लालदास, हरीनगर, खत्ता रोड, माधवपुरम, स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स, रुडक़ी रोड, भोला रोड, बच्चा पार्क, भैसाली बस अड्डा, सोतीगंज, डिफेंस कॉलोनी, बेगमबाग, गंगानगर, अब्दुल्लापुर, मलियाना मेट्रो मॉल, पल्लवपुरम फेज- 1, समर गार्डन, मजीद नगर, लाला का बाजार

ये है स्थिति
- छोटी-बड़ी पॉकलेन मशीन की संख्या करीब 55
- निगम के पास टैक्टर-ट्रॉली की संख्या करीब 64
- अन्य मशीनरी टाटा मैजिक-27, जेसीबी-18, बड़े ट्रक-6, रोबोटिक सफाई मशीन -2
- शहर में छोटे-बड़े नालों की संख्या 309


जिन इलाकों में जलभराव की अधिक संभावना है वहां से जलनिकासी के लिए पंप लगाने की तैयारी नगर निगम ने कर ली है। ये समस्या शहर के पुराने मोहल्लों में में अधिक है।
डॉ। हरपाल सिंह, प्रभारी नगर स्वास्थ्य

Posted By: Inextlive