सेहत बनाता है दूध, लेकिन शुद्ध तो मिले
मेरठ ब्यूरो। दूध पीने की हेल्दी आदत को अपने रूटीन में शमिल करने के लिए आज वल्र्ड मिल्क डे का दुनिया भर में आयोजित किया जा रहा है। लेकिन दूध पीना सेहत मंद तब ही होगा जब दूध शुद्ध और बिना मिलावट के आपके बच्चों के गिलास तक पहुंचे। लेकिन ऐसा हो नही रहा है दूध में मिलावट कोई नई बात नही है लेकिन गंभीर बात यह है कि ये मिलावट समय के साथ बढ़ती ही जा रही है। दूध में पानी व डिटर्जेंट की मिलावट सेहत को नुकसान पहुंचा रही है। इससे किडनी, लिवर और हृदय संबंधी रोग हो सकते हैं। जिले में दूध का हर तीसरा सैंपल फेल हो रहा है। ऐसे में दूध को अपनी आदत में कैसे शामिल करें यह सवाल बनता है।
ये है स्थिति
- अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक दूध के 12 नमूने हुए फेल और 29 पर दर्ज हुआ केस
- इनमें अधोमानक मिले सैंपल की संख्या 217 और अनसेफ सैंपल की संख्या 69 रही
- वहीं दूध और मावा से तैयार मिठाई के अनसेफ सैंपल की संख्या 37 रही
- दूध में डिटर्जेंट, झाग बनाने वाले तेल की हो रही सबसे अधिक मिलावट
- दूध के सैंपल की रिपोर्ट फेल होने पर दो माह पहले सिविल लाइन स्थित डेयरी पर 9.85 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था।
- गत वर्ष कोर्ट में 75 मिलावट के वाद दायर किए गए जिनमें से 29 पर कोर्ट ने जुर्माना और सजा का फैसला सुनाया है।
- दूध, घी, पनीर में मिलावट करने पर सबसे अधिक एक करोड़ 26 लाख 75 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
- जबकि अभी तक एफएसडीए विभाग की मानें तो दूध, पनीर और घी के करीब 200 से अधिक सैंपल्स की रिपोर्ट अधर में है।
- वहीं अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच दूध के 207 सैंपल लिए गए थे इनमें 144 की रिपोर्ट में से 56 सैंपल फेल पाए गए थे।
- इनमें 16 में डिटर्जेंट जैसे हानिकारक पदार्थों की मिलावट निकली थी जबकि 40 मानक पर खरे नहीं निकले। यानी इनमें से दूध की मलाई या चिकनाहट गायब थी।
2022-23- 5 करोड़ 56 लाख रुपये
2021-22- 43 लाख 65 हजार रुपये
2020-21- 41 लाख 33 हजार 500 रुपये
2019-20- 70 लाख 88 हजार रुपये
2018-19- 60 लाख 73 हजार रुपये
इस तरह जाने मिलावट-
पानी की मिलावट-
दूध की एक बूंद को चिकनी या चमकदार तिरछी सतह पर डालने से शुद्ध दूध की बूंद धीरे-धीरे आगे बढक़र पीछे एक सफेद निशान छोडक़र बहती है, जबकि पानी मिला दूध तेजी से बिना निशान छोड़े बहेगा।
दूध में स्टार्च की मिलावट-
टिंक्चर आयोडीन की कुछ बूंदे मिलाने पर स्टार्च युक्त दूध में नीला रंग आ जाता है। टिंक्चर आयोडीन दवा दुकान से आसानी से मिल जाती है।
दूध में यूरिया की मिलावट-
दूध में यूरिया की जांच के लिए एक परखनली में थोड़ा दूध लेकर उसमें आधा चम्मच सोयाबीन या अरहर पाउडर मिलाकर हिलाएं और 5 मिनट के लिए रख दें। इसके बाद इसमें एक लाल लिटमस पेपर डुबाने पर पेपर का रंग लाल से नीला हो जाए तो दूध में यूरिया की मिलावट मानी जाती है।
दूध में वनस्पति की मिलावट-
तीन से पांच मिली दूध एक परखनली में लेकर उसमें दस बूंद हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं एक चम्मच चीनी मिलाने पर पांच मिनट बाद लाल रंग दिखाई देने लगे तो इसका अर्थ है कि दूध में वनस्पति की मिलावट है।
दूध में मिलावट पर लगाम के लिए खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीमें लगातार सक्रिय हैं। जो नमूने लिए जाते हैं, उन्हें जांच के लिए लखनऊ प्रयोगशाला भेजा जाता है और जिन पदार्थों में मिलावट साफ नजर आती है, उन्हें मौके पर भी नष्ट कराया जाता है।
- विष्णुकांत वर्मा, सहायक खादय आयुक्त