मेरठ भारत के इतिहास की धरती है : सीएम योगी
मेरठ (ब्यूरो)। सीसीएस यूनिवर्सिटी के नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह में अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुर्वेद की विशेषता बताई। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद पूरे विश्व में छाने को तैयार है। भारत के इतिहास की धरती मेरठ है।
महाभारत की धरती हैसीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह महाभारत की धरती है। हस्तिनापुर ने महाभारत की नींव रखकर इतिहास रचा था। धर्म, कर्म, काम, मोक्ष इससे संबंधित जो है, वह महाभारत में है। उन्होंने कहा कि मेरठ क्रांति धरा है और अन्नदाता किसानों के पुरुषार्थ की धरा है।
9 साल में बदला नजारा
उन्होंने कहा कि परंपरागत चिकित्सा पद्धति ने नौ वर्ष के अंदर दुनिया में लंबी छलांग लगाई है, जिसका श्रेय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता ह। जिन्होंने पहली बार परंपरागत चिकित्सा पद्धति को आयुष मंत्रालय बनाकर योग, आयुर्वेद आदि को लेकर मंत्रालय का गठन किया। आज 21 जून को पूरी दुनिया योग दिवस मना रही ह। हर कस्बे, प्रांत, शहर में लोग योग की हर क्रिया से जुड़ते हैं। पीएम मोदी के प्रयासों का परिणाम आज हमारे सामने ह। सीएम योगी ने कहा कि इतने सारे आयुर्वेद के विशेषज आज एक मंच पर मौजूद हैं, यह बड़े सौभाग्य की बात है।
मेरठ का रहा है आयुर्वेद से जुड़ाव
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरे सामने जब इस सम्मेलन का प्रस्ताव प्रस्ताव आया तो मैंने कहा कि चार साल पहले यह कार्यक्रम कानपुर में हुआ था। मैंने कहा कि देश के उप-राष्ट्रपति को आमंत्रित किया जाना ह। मेरठ की पौराणिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर इन आयुर्वेद के विशेषज्ञ की और से स्वागत करता हूं। इस क्षेत्र में आयुर्वेद के कई सारे विशेषज्ञ रहे हैं। जिन्होंने अपने समय में विषम समय में वैद्य रामप्रसाद, वैद्य मुरारी लाल शर्मा, पशुपति, विष्णुनाथ शर्मा ने आयुर्वेद के माध्यम से आयुष की पद्धति को आगे बढ़ाने का काम किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के वैद्य हकीम सैफुद्दीन पदमश्री की धरती भी मेरठ ही रही है, उनका जुड़ाव यही से रहा है। इन तीन दिनों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। हम हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के साथ इसे हेल्थ टूरिज्म के क्षेत्र में जोड़ सकते हैं। मैं अवगत कराना चाहता हूं कि आज प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा दिया जा रहा है।
सीएम योगी ने सीसीएयसू की प्रशंसा की
सीएम योगी ने कहा कि आयुष यूनिवर्सिटी का संचालन हो गया ह। प्रदेश लगातार इन पद्धतियों को सराहने के लिए कार्य कर रही ह। इस सदी ने महामारी में आयुर्वेद के महत्व को समझा ह। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह किसानों के मसीहा थे। उन्होंने कहा कि कल ही यूनिवर्सिटी को ए प्लस प्लस की ग्रेडिंग मिली है। आज ये सम्मेलन इस बात की गवाही दे रहा है कि जैसे नैक यूनिवर्सिटी ने उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल की है, वैसे ही आयुर्वेद भी आगे बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आयुर्वेद की शिक्षा का बहुत महत्व है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की शिक्षा का मतलब है कि एक डिग्री और अनेक काम। उन्होंने कहा कि बीएमएस डॉक्टर कई प्रकार से रोजगार पा सकता है। सीएम योगी ने कहा कि अब तो आयुर्वेद डॉक्टरों के लिए सरकारी नौकरी भी ह। बीएमएस डॉक्टर चाहे तो अपना हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोल सकता है या फिर सरकारी नौकरी कर सकता है। मेरठ में हुआ देश का चौथा आयोजन
आयुर्वेद सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष वैद्य गोपाल दत्त शर्मा ने बताया कि आयुष मंत्रालय की तरफ से देशभर में इस तरह के हर साल पांच आयोजन होते हैं, यह चौथा आयोजन मेरठ में हुआ है। हालांकि मेरठ में इस तरह का यह पहला आयोजन है। इसमें तीनों दिन ओपीडी में कोई भी उपचार के लिए आ सकता है।
1200 से अधिक यूजी पीजी के छात्र हुए शामिल
प्रदेश महामंत्री डॉ। ब्रजभूषण शर्मा ने बताया कि इसमें जिले के आठ कॉलेजों के यूजी और पीजी के 1200 से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल हुए हैं। इसमें शामिल होने वाली 50 आयुर्वेदिक कंपनियों को पुरस्कृत किया गया। इस दौरान आयुष मंत्रालय की तरफ से औषधीय पौधों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन में मेरठ सहित 46 जिलों के व्यापारियों ने अपने उद्योगों को प्रदर्शित किया। आगरा का ब्रास, गौतमबुद्धनगर के कपड़ा, हाथरस की हींग, मुरादाबाद के बर्तन, संभल के सींग के बने सजावटी समान और मेरठ के स्पोर्ट्स उपकरण और जिम उपकरणों के स्टॉल लगाए गए।