Meerut : मेरठ में ट्रेनिंग के लिए आए आर्मी ऑफिसर्स व जवानों में गुरुवार देर शाम जमकर मारपीट हुई. इस घटना में दो मेजर व एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गए. सभी को मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. आर्मी हेडक्वार्टर ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. आरोपी जवानों को इंटरनल अरेस्ट कर लिया गया है.


मैच हारने पर आया गुस्सादिल्ली में तैनात 10 सिख लाइट इंफेंट्री के जवान और ऑफिसर्स मेरठ के दबथुवा आर्मी एरिया में एक महीने की ट्रेनिंग के लिए आए हुए हैं। 10 सिख लाइट मेरठ के चार्जिंग रैम (22) डिविजन के अंडर में है। यहां ऑफिसर्स और जवानों के अलग-अलग कैंप बने हैं। जानकारी के मुताबिक गुरुवार शाम 10 सिख की इंटर कंपनी बॉक्सिंग चैंपियनशिप थी। कॉम्पटीशन शुरू होने से कुछ समय पहले एक कंपनी के जवान ने बॉक्सिंग रिंग में उतरने से मना कर दिया था। फिर भी मैच हुआ और सिपाही जगदीप सिंह हार गया। इसके बाद हारी हुई कंपनी के कैप्टन ने सिपाही को भला-बुरा कहा।


आर्मी सूत्रों की माने तो बात बढऩे पर कैप्टन ने सिपाही को धक्का मारते हुए सिपाही को बूट से पेट पर मार दिया। कुछ देर तक हल्ला मचने के बाद मामला तो शांत हो गया, लेकिन कैप्टन के इस व्यवहार से जवानों में रोष फैल गया।बदला लेने पहुंचे

सभी अपने-अपने कैंप लौटे और कुछ ही देर बाद आधा दर्जन जवान अचानक ऑफिसर्स कैंप पहुंचे और हमला बोल दिया। इस दौरान मौके पर कमांडिंग ऑफिसर मौजूद नहीं थे। हमले में पहले एक मेजर घायल हुआ। बचाव में दूसरे कैंप से मेजर निकले तो उन्हें भी निशाना बनाया गया। किसी तरह दूसरे आर्मी ऑफिसर्स ने बीच-बचाव कर हमलावरों को रोका। ऑफिसर्स के आपसी मारपीट की घटना में घायल दो ऑफिसर मेजर मुनीष सब्बरवाल, मेजर सुरेश और सिपाही जगदीप सिंह को रात को मेरठ स्थित मिलिट्री हॉस्पिटल लाया गया। यहां पर दोनों का उपचार किया गया। जानकारी के अनुसार तीनों ठीक हैं, लेकिन डिस्चार्ज नहीं किया गया है।घटना पर सब चुपघटना में गोली चलने की भी चर्चाएं रहीं, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है। सेना ने पूरे प्रकरण पर जांच बैठा दी है। 22 डिव और सब एरिया के ऑफिसर्स मौका मुआयना किया और मिलिट्री हॉस्पिटल पहुंचे।कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठीजानकारी के अनुसार ऑफिसर्स कैंप पर हमला करने वाले आरोपी जवानों को इंटरनल अरेस्ट कर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी  बैठा दी गई है। हालांकि  कैप्टन के बारे में कोई सूचना आर्मी की ओर से नहीं दी जा रही है। सेना ने पुलिस को यह कहते हुए मौके पर और मिलिट्री हॉस्पिटल में नहीं घुसने दिया कि यह उनका इंटरनल मामला है। जब इस मामले में एक आर्मी ऑफिशियल से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने आर्मी हेडक्वार्टर दिल्ली से बयान लेने को कहा। घायलों से कोई भी न मिल सके, मिलिट्री हॉस्पिटल में पहरा बैठा दिया गया है.

दबथवा से सौरभ शर्मा की रिपोर्ट 

Posted By: Inextlive