मखदूमपुर गंगा घाट परतीन प्रजातियों के 119 कछुए छोडे़
2013 से चल रहा है गंगा में कछुआ संरक्षण अभियान
3 हजार पांच सौ के करीब अब तक कछुए गंगा में छोडे़ गए -07 जिलों में चल रहा है कछुआ संरक्षण के लिए अभियान -10 प्रजातियों के गंगा के कछुए हो चुके हैं संकटग्रस्त Meerut : कछुआ संरक्षण अभियान के तहत बुधवार को मखदुमपुर गंगा घाट पर तीन प्रजातियों के कुल 119 कछुए छोडे़ गए। इन सभी को हस्तिनापुर में बनाई गई डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के पौंड में संरक्षित किया गया था।डब्ल्यृूडब्ल्यूएफ के सीनियर कॉर्डिनेअर संजीव यादव ने बताया कि उनकी संस्था करीब पांच सालों से कछुआ संरक्षण अभियान चल रही है। इसके तहत पहले गंगा किनारे खेतों, खादर से कछुओं कें अंडों को संरक्षित कर गंगा किनारे बनाई गई हैचरी में रखा जाता है। जब अंडों से बच्चे निकल आते हैं तो उन्हें हस्तिनापुर में बनाए गए विशेष पौंड में रखा जाता है। जब यह बच्चे खुद से जीवन जीना सीख लेते हैं, तभी गंगा में छोड़ा जाता है। बुधवार को इसी अभियान के तहत 119 कछुए छोड़े गए। इस मौके पर मुख्य वन संरक्षक एन के जानू, वन संरक्षक गंगा प्रसाद और डीएफओ राजेश कुमार, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ कॉर्डिनेटर शाहनवाज खान आदि ने कछ़ुए छोडे़।
घट रहे कछुएगंगा में घट रही कछुओं की संख्या से चिन्हित डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने वन विभाग के साथ मिलकर 2013 में यह अभियान शुरू किया था। अब तक करीब 3500 कछुए गंगा में छोडे़ जा चुके हैं। मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, अमरोहा, हापुड़ समेत सात जिलों में यह अभियान चल रहा है। इसके अलावा डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने मुजफ्फरनगर, बिजनौर, हस्तिनापुर में तीन हैचरी बना रखी है। जिसमें अंडों से कछुओं के बच्चे निकलवाए जाते हैं।
जैव विविधता बचाने पर जोर गंगा के साफ जल के पीछे उसकी जैव विविधता का बड़ा योगदान है। कछुए को गंगा का प्राकृतिक सफाईकर्मी भी कहा जाता है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के सीनियर कॉर्डिनेटर संजीव यादव कहते हैं कि कछुओं की घटती संख्या गंगा की जैव विविधता के लिए खतरा हो सकती है। इसलिए हमारी संस्था और वन विभाग इनके संरक्षण पर काम कर रहे हैं। किसान भी जोडे़ कछुआ संरक्षण अभियान में गंगा के किनारे के किसानों को भी शामिल किया गया है। किसानों को यदि खेत में कछुओं के अंडे मिलते हैं तो वह तुरंत वन विभाग और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ को सूचना देते हैं। फिर ऐसे अंडों को हैचरी लाकर बच्चे निकाले जाते हैं, फिर कुछ बड़ा होने पर इन कछुओं को गंगा में ही छोड़ दिया जाता है।