स्टेडियम में मेंटेनेंस घोटाला
- मेंटेनेंस के नाम पर लाखों रुपए के वाउचर दिखाकर किया घोटाला
- घोटाले की आंच एक बार फिर पूर्व आरएसओ आरएन सिंह के ऊपर - करीब 7 लाख रुपए के वाउचर स्पोर्ट्स डायरेक्ट्रेट को सौंपे गए - ज्वाइंट डायरेक्टर स्पोर्ट्स को सौंपी गई जांच मेंटेनेंस के नाम पर लाखों रुपए के वाउचर दिखाकर किया घोटाला - घोटाले की आंच एक बार फिर पूर्व आरएसओ आरएन सिंह के ऊपर - करीब 7 लाख रुपए के वाउचर स्पोर्ट्स डायरेक्ट्रेट को सौंपे गए - ज्वाइंट डायरेक्टर स्पोर्ट्स को सौंपी गई जांच sharma.saurabh@inext.co.in Meerut sharma.saurabh@inext.co.inMeerut : अभी मेरठ स्टेडियम के पूर्व आरएसओ आरएन सिंह के ऊपर जूडो कोच के साथ बदसलूकी की जांच का मामला थमा भी नहीं है, उनके खिलाफ एक घोटाले की जांच शुरू हो गई है। स्टेडियम में मेंटेनेंस के नाम से फर्जी बिल साइन कराकर लाखों रुपए का गबन किया है। शासन और स्पोर्ट्स डायरेक्ट्रेट के सामने मामला खुला तो उन्होंने ज्वाइंट डायरेक्टर स्पोर्ट्स को जांच सौंप दी है। आरएन सिंह मौजूदा समय में डिप्टी डायरेक्टर स्पोर्ट्स हैं।
सात लाख का घोटालाकैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में मेंटेनेंस के नाम पर 7 लाख रुपए घोटाला निकलकर सामने आया है। स्टेडियम में मेंटेनेंस के नाम पर फर्जी बिलों पर साइन कराकर पास कराए गए और लाखों रुपए अपनी जेबों में डाले गए। जबकि जिन काम के लिए वाउचर और बिल बनाए गए वो काम हुए ही नहीं। ये सभी वाउचर पूर्व आरएसओ आरएन सिंह के टाइम के हैं। उन वाउचर पर उन्हीं के साइन भी हैं।
ऐसे खुला घोटाला आर्चरी प्रतियोगिता को लेकर स्टेडियम में काम चल रहा है। मौजूदा आरएसओ ने पिछले एक साल में हुए कार्यो और मेंटेनेंस का रिकॉर्ड मांगा, जिसमें स्वीमिंग पूल की मेंटेनेंस, कुश्ती हॉल की मरम्मत, आरएसओ ऑफिस और आवास की मरम्मत, मेस की मरम्मत, ग्राउंड में मिट्टी, पानी की पाइपलाइन, सेनेट्री की मरम्मत, हॉस्टल की मेंटेनेंस आदि के काम शामिल हैं। हर मद में 80 से 90 हजार रुपए दिखाए गए हैं। जब इस बारे में सभी कोच और प्रभारियों से इन मेंटेनेंस की लिखित रिपोर्ट मांगी गई तो सभी ने एक काम न होना बताया। ज्वाइंट डायरेक्टर को जांचजिसके बाद इस पूरे प्रकरण की जानकारी डीएम और स्पोर्ट्स डायरेक्ट्रेट को दी गई। अब स्पोर्ट्स डायरेक्ट्रेट ने इस पूरे प्रकरण पर जांच शुरू कर दी है। ज्वाइंट डायरेक्टर स्पोर्ट्स अनिल बनोदा को सौंपी गई है। अभी इस मामले में स्टेडियम का कोई अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। मामला सामने आने के कोचों ने भी अपने मुंह में ताले लगा लिए हैं। वहीं अकाउंट्स डिपार्टमेंट भी जांच के घेरे में आ गया है। आखिर उन्होंने इन बिलों को पास कैसे कर दिए।
मेरठ से इस तरह की कुछ शिकायतें आई थीं। मैंने इसकी जांच ज्वाइंट डायरेक्टर स्पोर्ट्स को सौंपी। जांच रिपोर्ट आने के बाद कुछ पता चलेगा। - आरपी सिंह, स्पोर्ट्स डायरेक्टर स्पोर्ट्स, लखनऊ इंवेस्टीगेशन चल रही है। इस सिलसिले में मैं मेरठ भी आने वाला हूं। वहां के कर्मचारियों और कोचों से भी बात करूंगा। उसके बाद भी इस बारे में कुछ कहूंगा। - अनिल बनोदा, ज्वाइंट डायरेक्टर स्पोर्ट्स, लखनऊ