युवाओं के साथ ही बुजुर्गों के बीच बढ़ी ऑनलाइन एस्कॉर्ट्स सर्विस की डिमांड काउंसलिंग के दौरान इस तरह के कई मामले आए सामने


मेरठ ब्यूरो। एस्कॉर्ट सर्विस अब फिजिकल इंटीमेसी तक ही सीमित नहीं है। ब्रेकअप हुआ हो और मूव ऑन करना हो, नाइट आउट करना हो, गर्लफ्रेंड नहीं है लेकिन डेटिंग करनी है, अकेलेपन के दौरान प्यार भरी बातें करने तक ऑनलाइन एस्कॉर्ट्स सर्विस की डिमांड इन दिनों शहर में हॉट च्वाइस बनी हुई है। युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक इन सर्विसेज के जरिए अपनी हर तरह की चाहत पूरी कर रहे हैं। काउंसलिंग के दौरान इस तरह के मामलों का खुलासा हो रहा है। एक्सपटर्स का कहना है कि पहले ऑप्शंस उपलब्ध नहीं थे। सोसाइटी में खुलकर बात नहीं होती थी। सब कुछ अब आसानी से उपलब्ध है। सोसाइटी बदल रही है और ऐसे ट्रेंड बढ़ रहे हैं। -------------कई वेबसाइट्स पर मिल रही सर्विस


इंटरनेट पर ऐसी कई वेबसाइट्स हैं, जहां एस्कॉर्ट सर्विस आसानी से उपलब्ध है। इनमें कई ऐसी भी हैं जो डोर स्टेप पर ही लड़कियां उपलब्ध करा रही हैं। इनकी लिस्ट में हर तरह की लड़कियां शामिल रहती हैं। जिसमें यंग, मैरिड, कॉलेज गोइंग और विदेशी भी शामिल हैं।एक क्लिक पर मनचाही सर्विस ली सकती है। हर कैटेगरी के लिए अलग चार्जेस हैं।---------

ये भी मिल रहीं सुविधाएं


लोगों को फिजिकल इंटीमेसी के साथ ही एस्कॉर्ट सर्विसेज में कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। इसमें इमोशनल इंटीमेसी भी शामिल हैं। ये वेबसाइट्स अपने क्लाइंंट्स को उनके पर्सनल इश्यूज हैंडल करने, कैंपेनियनशिप की सर्विस भी उपलब्ध कराते हैं। लोग सिर्फ अपने दुख या अपनी बातें शेयर करने के लिए भी इन सर्विसेज का भी सहारा ले रहे हैं। कांफिडेंस बूस्ट करने और अटेंशन, कॉम्पलीमेंट्स, वैलीडेशन जैसी डिजायर्स को भी पूरा करने के लिए ये सर्विसेज ली जा रही हैं। ---------- इन सर्विसेज लेने की मुख्य वजहें खराब मानसिक स्वास्थ्य पारिवारिक परिवेश रियलिस्टिक अप्रोच की कमी शॉर्टकट मनी पॉवर सेल्फ सेंटर्ड लाइफ --------------ये हैं नुकसान - चुनौतियों से निकलने की क्षमता कम हो जाती है।- अग्रेशन बढ़ सकता है। - इंटोलेरेंस बढ़ता है। - एंजाइटी बढ़ सकती है। - लोगों की मेंटल हैल्थ और खराब हो सकती है। -------इनका है कहना लोग खुश रहना चाहते हैं। उनके लिए अब यह मायने नहीं रखता कि यह खुशी कहां से आ रही है। रोजमर्रा का तनाव, डिप्रेशन और डे टू डे लाइफ के चैलेंजेस की वजह से वह पहले ही दुखी हैं इसलिए अब लोग इस तरह की सर्विसेज लेेने से परहेज नहीं करते हैं। हालांकि इस तरह की सर्विसेज से मेंटल हैल्थ और खराब होती है। डा। विभा नागर, क्लीनिकल साइक्लोजिस्ट---------

इंटरनेट ने दुनिया में कई तरह बदलाव लाएं हैं। वर्चुअल वल्र्ड ने कई तरह के ऑप्शन लोगों को प्रोवाइड कराए हैं। इसमें से एक ये भी है। फ्रेंड सर्किल सीमित होने लगा है। लोगों में अकेलापन बढ़ रहा है। ऐसे में वह कुछ विकल्प तलाशना चाहते हैं। इसलिए इस तरह का ट्रेंड भी बढ़ रहा है। डा। तरूण पाल, एचओडी मेंटल हैल्थ डिपार्टमेंट , मेडिकल कॉलेज ----------सोसाइटी ओपन हुई है। ऑप्शंस अब मिल रहे हैं। अब खुलकर लोग अपनी लाइफ को जीना चाहते हैं। लोग अब दो पल के सुकून के लिए अब वह तरह के विकल्प तलाश रहे हैं। डा। रवि राणा, न्यूरो साइकेट्रिस्ट

Posted By: Inextlive