आग की लपटों में फंसी जिंदगी
- आग लगते ही टावर में मच गई अफरातफरी
- जेडीई के सर्वर रूम में लगी थी भयंकर आग मेरठ : एक बार फिर शहर में भयंकर अग्निकांड होते- होते बच गया। एक टावर के थर्ड फ्लोर में भयंकर आग लग गई। टावर में स्थित ऑफिसों में काम कर रहे 200 लोगों ने किसी तरह से भाग कर अपनी जान बचाई। क्या था मामलानौचंदी थाना क्षेत्र के मंगलपांडे नगर स्थित तीन मंजिला शिखर टावर में कई मोबाइल कंपनी, बैंकों व निजी कंपनियों के ऑफिस हैं। जिसमें ग्राउंड फ्लोर से लेकर सैकेंड फ्लोर में एयर सेल मोबाइल कंपनी का ऑफिस है। थर्ड फ्लोर में महेंद्रा एंड महिंद्रा व जीडीई कंपनी का ऑफिस है। जीडीई कंपनी में टावर के उपकरण सप्लाई होते हैं। जिसमें 200 से ज्यादा लोग काम करते हैं। सोमवार साढ़े बारह बजे थर्ड फ्लोर स्थित जेडीई कंपनी के सर्वर रूम में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग ने भयंकर रूप धारण कर लिया। जिसके चलते वहां पर कर्मचारियों में भगदड़ मच गई। वहां पर कई कर्मचारी आग में फंस गए। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाडि़यों ने आग पर काबू पाया।
नहीं थे आग बुझाने के यंत्र ऑफिस में आग बुझाने का कोई यंत्र नहीं थे। जिससे वहां पर लगी आग बुझाई नहीं जा सकी।
मेन गेट पर पहुंच गई थी आग देखते ही देखते आग टावर से नीचे उतरने वाले मेन गेट तक पहुंच गई थी। दूसरी व तीसरी मंजिल में आग का भयंकर धुआं फेल गया था। जिससे लोग नीचे नहीं उतर पा रहे थे। हो सकता था बड़ा हादसा सीएफओ शिवदयाल शर्मा का कहना है कि अगर आग पर जल्द ही काबू नहीं पाया जाता तो वहां पर काम कर रहे लोगों के साथ हादसा हो सकता था। बचाओ- बचाओ की आवाज आग लगते ही कर्मचारियों की बचाओ- बचाओ की आवाज आने लगी। तीसरी मंजिल पर फंसे कर्मचारी किसी तरह से नीचे उतरे। कंप्रेशर फटने की थी सूचना आसपास के लोगों ने बताया कि जीडीई कंपनी के सर्वर रूम में लगा एसी का कंप्रेशर फट गया था। जिससे आग लगी थी। जीडीई कंपनी के ऑफिस के सर्वर रूम में आग लगी थी। जांच में पाया गया है कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी है। शिव दयाल शर्मा सीएफओ मेरठ