विद्वान का बल ज्ञान होता है - ज्ञानानंद महाराज
मेरठ ब्यूरो। श्री 1008 शांतिनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर में असोड़ा हाउस में अभिषेक व शांतिधारा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुनि श्री 108 ज्ञानानंद महाराज द्वारा पूरा विधि विधान कराया गया। जिसमें सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य पंकज जैन शशि जैन परिवार को मिला एवं कुबेर का सौभाग्य नवीन शुभम अनमोल जैन परिवार को प्राप्त हुआ। जिसके पश्चात भक्तांबर महा मंडल विधान संगीत में धुनों द्वारा बिजेन्दर पीडि़त ने कराया जिसमें मंदिर परिसर में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने एक-एक कर 48 अर्घ मांडले पर अर्पित किए। सेवक का बल सेवा है
मौके पर मुनि श्री ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि विद्वान का बल ज्ञान है योगी का बल ध्यान है, मूर्ख का बल अभिमान है और व्यापारी का बल बुद्धि है। उन्होंने कहा कि तांत्रिक का बल सिद्धि है नेता का बल प्रसिद्धि है भक्तों का बल भक्ति है सैन्य का बल शक्ति है। सेवक का बल सेवा है शिष्य का बल विनम्रता है।आदमी वैसा है जैसे तुम्हारा टीवी
महाराज ने कहा कि आदमी तो वैसा ही है जैसा तुम्हारा टीवी। जैसे टीवी पर सब चैनल उपलब्ध है सिर्फ रिमोट का बटन दबाने की देर है जो चैनल तुम्हें देखना है बस उसका बटन दबा दीजिए और चैनल हाजिर। जिंदगी भी एक टीवी है जिस पर पुण्य का चैनल भी उपलब्ध है और पाप का भी भाव बदलते ही क्षण में चैनल भी बदल जाता है। पुण्य से पाप और पाप से पुण्य के चैनल पर आने में वक्त नहीं लगता। अंत में सभी श्रद्धालुओं को भोजन कराया गया मंदिर परिसर में विनोद विपिन रमेश अजय सुधीर राजीव रचित सौम्या शोभा आभा पूनम आदि उपस्थित रहे