मिनी जमीन तो छूने लगे आसमान
खिलाडि़यों के लिए खुला कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम
कोरोना काल के बाद पहली बार स्टेडियम खुलने पर भावुक हुए कई खिलाड़ी प्रैक्टिस से पहले प्लेयर्स ने स्टेडियम की धरती को किया नमन, फिर शुरू की प्रैक्टिस Meerut। कोरोना काल के बाद पहली बार स्टेडियम खुला तो कई खिलाड़ी भावुक हो गए। स्टेडियम में एंट्री से पहले उन्होंने स्टेडियम की जमीन को नमन किया। फिर अपनी प्रैक्टिस शुरू की। कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम को सभी प्रकार के खेलों के प्रशिक्षण की अनुमति के साथ सोमवार को खोल दिया गया। हालांकि, सोमवार को कम संख्या में ही खिलाड़ी स्टेडियम में पहुंचे। गेम्स की ट्रेनिंग शुरूआरएसओ आले हैदर के अनुसार सभी खेलों का प्रशिक्षण शुरू कराया जा रहा है। जिन भी खिलाडि़यों ने पहले रजिस्ट्रेशन कर लिए हैं वह तुरंत प्रशिक्षण के लिए आ सकते हैं। जिन खिलाडि़यों के रजिस्ट्रेशन नहीं हुए हैं वो स्टेडियम में पहुंचकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। स्टेडियम में नए सत्र के लिए शूटिंग और कबड्डी के एक-एक कोच को नियुक्त किए गया है। अन्य खेलों के लिए जल्द कोच नियुक्त होने की उम्मीद है। तब तक खिलाड़ी स्वयं अभ्यास कर सकते हैं।
गेम्स की ट्रेनिंग के लिए स्टेडियम खुल गया है। अब खिलाडि़यों को प्रैक्टिस करने में आसानी होगी। हालांकि घर पर खिलाड़ी प्रैक्टिस तो कर लेते थे लेकिन स्टेडियम वाली बात नहीं थी।
अर्नव त्यागी, एथलेटिक्स घर पर रहकर बस यही सोचती थी कि कब स्टेडियम खुले और कब जाकर प्रैक्टिस करें। किसी भी प्रतियोगिता की तैयारी के लिए बिना स्टेडियम प्रैक्टिस अधूरी ही रहती है। प्रीति, एथलेटिक्स पहले दिन स्टेडियम में आने वाले खिलाडि़यों की संख्या कम रही लेकिन धीरे-धीरे सभी खिलाड़ी आ जाएंगे। खिलाडि़यों के लिए स्टेडियम खुलना बेहद जरूरी था। गौरव त्यागी, कोच प्रैक्टिस के बिना कोई भी खिलाड़ी अधूरा महसूस करता है। प्रतियोगिताओं में अच्छे प्रदर्शन के लिए लगातार ट्रेनिंग बेहद जरूरी है। धीरे-धीरे प्लेयर्स की संख्या भी बढ़ जाएगी। भूपेंद्र, कोच 'मेरठ से पांच खिलाडि़यों का ओलंपिक में जाना गौरव की बात' साल 2012 के ओलंपिक गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी अंतरराष्ट्रीय जूडो खिलाड़ी गरिमा चौधरी सोमवार को कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में पहुंची। उन्होंने कहाकि मेरठ से पांच और प्रदेश से 13 खिलाडि़यों का ओलंपिक गेम्स के लिए चयन होना गौरव की बात है। खिलाडि़यों ने राष्ट्रीय कैंपों में काफी पसीना भी बहाया है। इसलिए इस बार टोक्यो ओलंपिक गेम्स से मेरठ को पदक मिलने की पूरी उम्मीद है। मेरठ को मिलेंगे मेडलगरिमा चौधरी ने कहा कि देशभर में जितने भी खिलाड़ी ओलंपिक के लिए चुने गए हैं, उनकी तैयारियां अच्छी तरह से कराई गई हैं। केंद्रीय खेल मंत्री के साथ ही प्रदेश सरकार भी खिलाडि़यों को आगे बढ़ाने के लिए सुविधाएं प्रदान कर रही है। पहले की तुलना में प्रशिक्षण सुविधाएं बढ़ी हैं तो पदक की अपेक्षाएं भी बढ़ गई हैं। मेरठ को इस बार एक से अधिक मेडल जरूर मिलेंगे।
ली सेल्फी ओलंपियन गरिमा चौधरी को कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में आरएसओ हैदर ने सम्मानित किया। गरिमा चौधरी ने स्टेडियम में बने ओलंपिक सेल्फी प्वाइंट पर सेल्फी ली। उनके साथ खेल विभाग से जुड़े अन्य खेलों के कोच व खिलाडि़यों ने भी सेल्फी ली। अंत तक टिके रहना गरिमा ने कहा कि खिलाड़ी हिम्मत न हारे और अंत तक प्रयास में कोई कमी न छोड़ें। जो अंत तक प्रयासरत रहेगा उसे पदक जरूर मिलेगा। खिलाड़ी को शुरू से यही सिखाया जाता है और उसी पर अंत तक टिके रहना जरूरी है। गोल्ड लाने की चाहओलंपियन गरिमा चौधरी को इस बार के टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा न ले पाने का बेहद अफसोस है। हालांकि भारतीय जूडो टीम एशियन जूडो चैंपियनशिप में हिस्सा लेने गई थी लेकिन दो से तीन खिलाडि़यों के कोविड पॉजिटिव आने के बाद भारतीय जूडो टीम को वापस लौट आना पड़ा। गरिमा ने बताया कि वह इस प्रतियोगिता में गोल्ड जीतने के उद्देश्य से तैयार होकर गई थी। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि वहां ओलंपिक कोटा हासिल कर ओलंपिक गेम्स में भी एक पदक जरूर लेकर आएंगी, मगर ऐसा नहीं हो पाया। गारिमा ने बताया कि अब उनकी नजर अगले साल होने जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स और 2024 के ओलंपिक गेम्स पर है।