सिर्फ वादे करना अच्छा नहीं, यहां की गंदगी दूर होनी चाहिए
मेरठ ब्यूरो। नगर निकाय चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है। आगामी 11 मई को वोटिंग होनी है। जैसे-जैसे दिन नजदीक आ रहे हैं। लोगों की अपने प्रत्याशियों से उम्मीदें बढ़ रहीं हैं। बीते 5 साल में पार्षदों ने जनता के हित के लिए कौन से कार्य किए। क्या कमियां रह गईं। अब पब्लिक अपने उम्मीदवारों से क्या चाहती है। इसको समझने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सिटीजन स्पीक्स कैम्पेन आयोजित कर रहा है। इसके तहत गुरुवार को शहर के वार्ड 3 भगवतपुरा में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें स्थानीय लोगों ने वार्ड की समस्याओं को बताया।
पांच साल में दूर नहीं हो पाई ये समस्याएं
- नालों की गंदगी
- जलभराव
-टूटी व खराब सड़कें
- बरसात के दिनों में ही नहीं आम दिनों भी नालों का पानी ओवर फ्लो करता है
- पानी की समस्या
- अतिक्रमण
- स्ट्रीट लाइट
- संविदा कर्मचारियों की वेतन की समस्या
- छोटे-छोटे काम के लिए पार्षद तलाशने पर नहीं मिलते
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वार्ड- 3
कुल मतदाता- 12, 190
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पिछले कई वर्षो से हमारे वार्ड के क्षेत्र में अतिक्रमण की समस्या चल रही है।जीतने के बाद बाद सबसे पहले मैं इस समस्या को खत्म करूंगा, इसके अलावा सड़क, नाली के खड़ंजों, स्ट्रीट लाइटों की समस्या को दूर करने का मेरा प्रयास रहेगा।
अरुण मचल बाल्मिकी, पार्षद प्रत्याशी
रामजीनवाल वार्ड में पिछले पांच साल में एक बार भी नालों की सफाई नहीं हो पाई है। पूर्व पार्षद ने कुछ भी नहीं किया है। छोटी -छोटी समस्याओं के लिए उनको तलाशना पड़ता था।
अमन सिंघल
वार्ड में गंदगी बहुत है। सड़कें, स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हैं। शौचालय खराब पड़े है, नालियां जाम है। गलियां भी गंदी रहती है कूड़ेदान तक नहीं है।
राकेश गौड़ सड़के खराब हैं। पानी नहीं मिलता है। साफ सफाई तक नहीं है। लाइटें खराब पड़ी है। नालियों में खड़ंजों की समस्या है।
सुरेंद्र वैद्य वार्ड में जलभराव, नालों की गंदगी जैसी विभिन्न समस्याएं हैं बीते पांच साल में कोई झांकने तक नहीं आया है। वोट मांगते समय कुछ लोग नजर आते हैं।
विनय वाल्मीकि
पांच साल में वार्ड में कोई काम नहीं किया गया है। साफ-सफाई सिर्फ कागजी प्रक्रिया तक ही सीमित है। जमीनी हकीकत पर कोई काम नहीं हो पाया है।
संजय धयन
अर्जुन हम विकास के आधार पर ही वोट करेंगे, जो उम्मीदवार सहज सुलभ होगा। हम उसे ही चुनेंगे। आम लोगों की लोगों की समस्याओं को जो उठाएगा। हमारा उम्मीदवार वही होगा।
मोंटी गहलौत सड़कों के नाम पर गड़्ढे हैं। लाइटें जलती नही हैं। जनता की कोई सुनने वाला नहीं। विकास के कार्य महज कागजों पर ही हो रहा है।
कमल पांच साल में विकास के नाम पर सिर्फ छलावा हुआ है। छोटे-छोटे कामों के लिए सभासद तक के कई चक्कर लगाने पड़ते है। पब्लिक को बहुत परेशानी होती है। इसलिए वोट उसी को जाएगा जो सुलभता से मिले और काम करवा सके।
नीतू जाटव पार्षद तो वहीं चाहिए जो हमारे मुद्दों को उठा सकें। समस्याओं को सुनकर उनका तुरंत समाधान निकाल सके, ना केवल जातिवाद की राजनीति करें।
सावन मचल