पदमश्री से सम्मानित जल योद्धा उमाशंकर पांडेय के नेतृत्व में प्रारंभ की गई दो दिवसीय जलकोष यात्रा का हुआ समापन इस दौरान जल संरक्षण के महत्वपूर्ण तथ्यों पर हुआ मंथन।

मेरठ (ब्यूरो)। पदमश्री से सम्मानित जल योद्धा उमाशंकर पांडेय के नेतृत्व में प्रारंभ की गई दो दिवसीय जलकोष यात्रा का मंगलवार को पानी पाठशाला और जल चौपाल के साथ समापन हो गया। इस दौरान भूगर्भ जल विभाग द्वारा मानव श्रृंखला बनाकर जल संरक्षण का संदेश दिया गया।

करें जल का सम्मान
अटल भूजल योजना अंतर्गत आयोजित इस यात्रा का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पद्मश्री उमाशंकर पांडेय द्वारा स्कूली बच्चो को जल संरक्षण एवं संवर्धन के महत्वपूर्ण तथ्य बताए गए। पद्मश्री उमाशंकर पांडेय ने कार्यक्रम के समापन के मौके पर बच्चों से कहा कि जिस तरह अपने माता पिता की सेवा और सम्मान किया जाता है उसी प्रकार हमें जल का भी सम्मान करना चाहिए। क्योंकि दोनों ही जीवनदायनी हैं। कार्यक्रम में मौजूद मृत्युंजय पांडेय, दिल्ली विश्व विद्यालय के प्रोफेसर राहुल पांडेय के साथ जल पर विस्तृत चर्चा की गई और सभी को जल बचाने का संदेश भी दिया। इस मौके पर अटल भूजल योजना जनपद नोडल अधिकारी नवरतन कमल द्वारा भी बच्चो को जल से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।

पानी के महत्व को जाना
भूगर्भ जल विभाग के सहायक जियोफिजिसिस्ट आशीष कुमार गुप्ता ने अपने संबोधन के माध्यम से बच्चो को पानी के महत्व से रूबरू कराया। कार्यक्रम में एसपीएमयू से अटल भूजल योजना के आईईसी एक्सपर्ट साकेत श्रीवास्तव, डीपीएमयूआईईसी एक्सपर्ट दीपक ठाकुर एग्रीकल्चर एक्सपर्ट कोमील कुमार के साथ समस्त ब्लॉक कोआर्डिनेटर वा संस्था मानव सेवा समिति के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। कार्यक्रम के अंत में पद्मश्री उमाशंकर पांडेय द्वारा अटल भूजल योजना की टीम को प्रशस्तिपत्र एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर आरआईआरडी (बड़ौत) के प्राचार्य डॉ। अजीत कुमार और महिपाल भी उपस्थित रहे।

Posted By: Inextlive