जैन समाज ने किया सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने पर विरोध
मेरठ ( ब्यूरो)। जैन बिरादरी अध्यक्ष मेरठ सुरेश रितुराज जैन व मुख्य संयोजक कवि सौरभ सुमन ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। मौके पर उनका कहना था कि यह भारत के ऐतिहासिक महत्व रखने वाले पौराणिक धर्म जैन का सर्वाधिक मान्यता रखने वाला शाश्वत तीर्थ है। जिस पावन भूमि से जैन धर्म के चौबीस तीर्थकरों में से 20 तीर्थकर भगवानों ने मोक्ष का वर्णन किया एवं मुनियों ने सिद्ध पदों को प्राप्त किया है। ऐसे तीर्थ को पर्यटन स्थल व वन्य जीव अभ्यारण्य क्षेत्र घोषित करना जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाना है, और शाश्वत तीर्थ की पवित्रता को भंग करने का कारक भी है। प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
इस दौरान शहर में एडीएम एवं अन्य प्रशासन अधिकारियों को भी जैन समाज द्वारा ज्ञापन सौंपा गया। समुदाय के अनुयायी का कहना था कि सकल जैन समाज आग्रह करता है कि इस तुगलकी फरमान को तत्काल निरस्त किया जाए और पाश्र्वनाथ सम्मेद शिखर की नौ पहाडिय़ां, पूर्ण पर्वत परिक्रमा एवं भव्य मंदिरों के आभूषणों से सुसज्जित मधुबन क्षेत्र लगभग 57-58 किलोमीटर की परिधि के इस ऐतिहासिक, पौराणिक मान्यताओं की पुनीत धरा को पवित्र जैन तीर्थ की मान्यता देकर जैन समाज की भावनाओं को मान दिया जाए। मौके पर अक्षत जैन, अनिल जैन, विनेश जैन, अंकुर जैन, सुभाष चंद जैन, पवन जैन, सचिन जैन, रचित जैन, मुकेश जैन, विनय जैन, प्रमोद जैन, हंसकुमार जैन आदि मौजूद रहे।