ट्रैफिक रूल्स को तोडऩे वालों के चालान की व्यवस्था आईटीएमएस 9 माह में ही फेल
मेरठ ब्यूरो। सिटी के ट्रैफिक सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए एक साल पहले अप्रैल में आईटीएमएस की व्यवस्था शुरू की गई थी। नगर निगम की पूरी कोशिश के बाद भी आईटीएमएस सिस्टम पटरी पर नहीं आ पा रहा है। हालत यह है कि एक माह से शहर के चौराहों पर लगा आईटीएमएस सिस्टम अधूरी निगरानी कर रहा है। यानि चौराहों पर सिग्नलिंग प्रणाली तो चालू है लेकिन तीसरी नजर यानि कैमरे बंद हैं। कैमरे बंद होने से ना तो कोई चालान हो रहा है। न ही ट्रैफिक रूल्स को तोडऩे वालों पर एक्शन हो पा रहा है। कुल मिलाकर 30 करोड़ रुपए के बजट से शुरु हुआ यह प्रोजेक्ट साल भर में ही ठप हो गया।
30 करोड़ का प्रोजेक्ट धड़ाम
गौरतलब है कि 29.59 करोड़ रुपये की लागत से गत वर्ष 24 अप्रैल को शहर के कुछ चौराहों पर आईटीएमएस यानि इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम चालू किया गया था। अगस्त माह में इस व्यवस्था के तहत चालान काटने की प्रक्रिया शुरु की गई थी। सितंबर माह तक शहर के नौ प्रमुख चौराहों पर आईटीएमएस सिग्नल से यातायात संचालन पूरी तरह शुरु हो गई थी। लेकिन एक साल पूरा होने से पहले ही व्यवस्था ठप हो गई है। हालत यह है कि करीब एक माह से शहर के नौ चौराहों पर आईटीएमएस के माध्यम से लगे सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हैं। कैमरे बंद होने से नियम तोडऩे वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई जीरो है।
सूत्रों की मानें तो कैमरे बंद होने का कारण आईटीएमएस के सॉफ्टवेयर का एक्सपायर होना बताया जा रहा है। इस सॉफ्टवेयर को जापान की एनईसी नाम की कंपनी द्वारा लगाया गया था। जिसको दो माह पहले अपडेट किया जाना था। लेकिन सॉफ्टवेयर कंपनी को भुगतान नही किया गया जिस कारण कंपनी से अभी तक सॉफ्टवेयर को अपडेट नही किया और सॉफ्टवेयर अपडेट ना होने के कारण कैमरे बंद पड़े हंै। हालांकि निगम के अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि यह सिस्टम 4 जी तकनीक पर लगाया गया था जिसके अब 5 जी किया जा रहा है। वहीं कुछ चौराहों पर ऑप्टिकल फाइबर में परेशानी के चलते पूरी तरह सिस्टम ठप पड़ा है। यहां कैमरे से लेकर सिग्नलिंग प्रणाली भी पूरे एक माह से बंद है इसमें शहर का डिग्गी तिराहा प्रमुख रूप से शामिल है।
हर माह करोड़ों का नुकसान
आईटीएमएस लागू होने के बाद उम्मीद थी कि नियम तोडऩे वालों का चालान कर हर माह लाखों रुपए का राजस्व एकत्र किया जाएगा। अगस्त माह से इस सिस्टम के तहत प्रतिदिन 2 से 2.50 लाख रुपए के चालान किए जा रहे थे। जो कि जनवरी माह तक बढ़कर 4 लाख रुपए प्रतिदिन करीब पहुंच गया था। लेकिन अब गत माह से कैमरे बंद होने से चालान सिस्टम बंद हो गया है जिससे पिछले एक महीने में करीब सवा करोड़ रुपए से अधिक के राजस्व का नुकसान हो चुका है।
कमिश्नर आवास, जेल चुंगी, गांधी आश्रम, डिग्गी चौराहा, तेजगढ़ी, शास्त्रीनगर एल ब्लाक, ईव्ज चौराहा, हापुड़ अड्डा और बच्चा पार्क कुछ तकनीकि परेशानियां थी वहीं यह सिस्टम 4-जी पर चल रहा था जिसको अब 5-जी में अपडेट किया जा रहा है। साथ ही कुछ चौराहों पर अभी कंपनी द्वारा वाईफाई लगने का काम चल रहा है जिसके कारण चौराहों पर कैमरे बंद थे। जल्द व्यवस्था चालू की जाएगी।
- अमित कुमार शर्मा, मुख्य अधिशासी अभियंता