ये बीमारियों का सीजन है...ताजा खाना खाइए, शुद्ध पानी पीजिए
मेरठ (ब्यूरो)। पारा क्या चढ़ा अस्पतालों में पेट की बीमारियों से संबंधित रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा होने लगा है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में पेट दर्द, सूजन, उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या में एकदम से इजाफा हो गया है। अगर मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां ओपीडी में रोजाना एक हजार से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इनमें सबसे ज्यादा रोगी डायरिया, पीलिया व उल्टी-दस्त के होते हैं।
45 प्रतिशत बढ़ेंगे मामले
गर्मी में पेट से जुड़ी कई परेशानियां सामने आती हैं। जैसे-जैसे मौसम गर्म होता है, हमारी लाइफ स्टाइल और खानपान की आदतें बदलने लगती हैं। बढ़े तापमान से न केवल हमें पसीना ज्यादा आता है, बल्कि इससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होती है। दूसरे किसी भी मौसम की अपेक्षा इस मौसम में हमारे शरीर पर वैक्टीरिया और वायरस का खतरा अधिक बढ़ जाता है। वहीं, डॉक्टर्स की मानें तो जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी पेट के संक्रमण और अन्य परेशानियों के मामले करीब 45 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगे।
ताजा भोजन ही बचाव
डॉक्टर्स की मानें तो मौसम में परिवर्तन के दौरान ही जलजनित रोगों के संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ता है। गर्मियों में घर में बना हुआ बासी खाना भी संक्रमण का कारण बन सकता है। ऐसे में ताजा भोजन और शुद्ध पानी के प्रयोग से बीमारियों से काफी हद तक बचा जा सकता है। वहीं, गर्म हवाओं के सीधे संपर्क में आने से बचना भी जरूरी है।
पेट में सूजन
भारीपन
एसिडिटी
जी मिचलाना
सर्दी और खांसी के साथ बुखार
दस्त
उल्टी
डीहाईड्रेशन
त्वचा पर खुजली
खूनी दस्त
थकान यह बीमारियां देंगी दस्तक
टाइफाइड
लक्षण- तेज बुखार आना। शाम होते-होते बुखार बढऩा, अत्यधिक कमजोरी महसूस होना और भूख न लगना।
बचाव- बासी और गरिष्ठ भोजन से परहेज, पानी को उबालकर पीएं। मलेरिया
लक्षण- ठंड के साथ बुखार आना। कुछ भी खाने की इच्छा न करना, हाथ-पैरों में दर्द होना।
बचाव- मच्छरदानी, क्वाइल, स्प्रे का प्रयोग करें। घर के अंदर और बाहर पानी न भरने दें। कूलर का पानी बदलते रहें। हीट स्ट्रोक/डायरिया
लक्षण- तेज प्यास लगना, चक्कर आना, पेट खराब हो जाना, बेहोशी आना, शरीर का तापमान एकाएक बढऩा।
बचाव- भरपूर पानी पीएं। ओआरएस का इस्तेमाल करें। तला-भुना, गरिष्ठ और बासी भोजन करने से परहेज करें। फलों का सेवन अधिक करें।
हाइपर एसिडिटी
लक्षण- दस्त आना, जी मिचलाना, उल्टियां आना, पेट में जलन होना, खट्टी डकारें आना।
बचाव- चाय, कॉफी और अल्कोहल के सेवन से बचें। नींबू पानी, ठंडा दूध, दही का सेवन करें।
इस सीजन में संक्रमण के रोग अधिक बढ़ जाते हैं। उसका प्रमुख कारण है साफ-सफाई की कमी और खानपान में लापरवाही। इस मौसम में ताजा खाना और शुद्ध पेय पदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए। अधिक खाना भी नुकसान पहुंचाता है। ज्यादा तला-भुना बिल्कुल न लें। इससे भी पाचन तंत्र प्रभावित होता है। संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
डॉ। विश्वजीत बैंबी, वरिष्ठ फिजिशियन