बच्चों के कैंसर की समस्या पहचान है जरूरी
मेरठ (ब्यूरो)। बच्चों में कैंसर से बचाव के विषय पर मंगलवार को सर्कुलर रोड बॉम्बे बाजार स्थित शुभम अस्पताल में प्रेस वार्ता आयोजित हुई। इस दौरान गुडग़ांव के मेदांता हॉस्पिटल की डॉ। नेहा रस्तोगी ने बच्चों के कैंसर के बारे में जानकारी दी।
कैंसर की समस्याउन्होंने बताया कि विशेष हालत में बच्चों को कैंसर विशेषज्ञ को दिखाने की जरूरत होती है। यदि बच्चा पीला दिखता है या उसके हीमोग्लोबिन में गिरावट है। मामूली चोट लगने पर भी आसानी से खून बहता हो, यदि बच्चे के शरीर पर नीले रंग के धब्बे हों, ऐसी परिस्थितियों में एक्सपर्ट डॉक्टर की सलाह लें।
थैलीसीमिया के साथ जन्म ले रहे बच्चे
डॉ। नेहा ने बताया कि पूरे विश्व में 1 लाख बच्चे और अकेले भारतवर्ष में 10 हजार बच्चे थैलिसीमिया नामक अनुवांशिक बीमारी के साथ जन्म लेते है। इसमें हीमोग्लोबिन नहीं बनता है। उन्हें खून चढ़ाने की जरूरत होती है। थैलिसीमिया के इलाज के लिए बोन मैरो प्रत्यारोपण की जरूरत होती है। यह सुविधा मेदांता अस्पताल गुरुग्राम में उपलब्ध है। डॉ। नेहा भी महीने के आखिरी मंगलवार को अपनी सेवायें देने के लिए शुभम अस्पताल में उपलब्ध होती है।