कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अजब-गजब कारनामे सामने आ रहे हैं. किसी को बिना वैक्सीन लगवाए ही सर्टिफिकेट जारी हो रहा है. तो कुछ मृतकों को भी वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है.

मेरठ (ब्यूरो). कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अजब-गजब कारनामे सामने आ रहे हैं। किसी को बिना वैक्सीन लगवाए ही सर्टिफिकेट जारी हो रहा है। तो कुछ मृतकों को भी वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के कोरोना वैक्सीनेशन अभियान पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। हाल फिलहाल में करीब 400 सौ लोग ऐसे हैं। जिन्हें अभी तक वैक्सीन तो लगी नहीं है, लेकिन कोविड सर्टिफिकेट जारी हो चुका है। हालांकि इन लोगों ने कोविड पोर्टल से लेकर वैक्सीनेशन तक की जिम्मेदारी संभालने वाले ऑफिसर तक से शिकायतें की हैं, लेकिन किसी भी स्तर पर सुनवाई नहीं हुई।

आपको लग चुकी है वैक्सीन
रुड़की रोड निवासी अमित वर्मा ने टीकाकरण के लिए चार मई को पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण कराया था। दो फरवरी को प्यारे लाल हॉस्पिटल में दोपहर एक से तीन बजे के बीच उनको वैक्सीन की डोज लगाने के लिए शेड्यूल निर्धारित किया गया। इस बीच अमित जरूरी काम से कहीं और जाने की वजह से निर्धारित समय पर वैक्सीन की डोज लेने के लिए अस्पताल नहीं पहुंच सके। लेकिन उसी दिन शाम को उनके मोबाइल पर टीकाकरण सफल होने का संदेश आ गया। कुछ देर बाद ही उनको टीकाकरण कराने का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया। अब वह बिना वैक्सीन लगवाए सर्टिफिकेट लिए घूम रहे हैं। वहीं कंकरखेड़ा निवासी सोमेश्वर शर्मा ने बताया कि उनकी सेकेंड डोज एक मार्च को लगनी थी। मैसेज आ गया कि आप वैक्सीनेटिड हो गए हैं। जबकि उन्हें अभी तक वैक्सीन लगी ही नहीं है। सदर निवासी महक ने बताया कि उनकी पहली वैक्सीन फरवरी में लगी थी उसके दो महीने बाद ही दूसरी वैक्सीन लग चुकी है का मैसेज आ गया। लेकिन उन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है। मैसेज देख वह आश्चर्य में हैं।

विभाग बता रहा क्लेरिकल मिस्टेक
वैक्सीन लगवाए बिना ही सर्टिफिकेट जारी होने से संबंधित अभी तक स्वास्थ्य विभाग के पास करीब 400 सौ शिकायतें आ चुकी हैं। डाउनलोड करने पर सर्टिफिकेट भी मिल रहे हैं। हालांकि इस बड़ी लापरवाही को स्वास्थ्य विभाग क्लेरिकल मिस्टेक बताकर लीपापोती करने में जुटा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग अब ड्यूटी में लगे सभी स्वास्थ्य कर्मियों को इस लापरवाही को दूर करने के लिए जागरूक करने में भी जुट गया है।

डीएम से की शिकायत
राजेंद्रनगर निवासी तान्या वर्मा ने बताया कि उनके फादर का सेकेंड डोज अभी लगना था, लेकिन उससे पहले ही उनके नम्बर पर मैसेज आ गया कि आप अपना दोनों डोज का सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं, इसकी शिकायत उन्होंने डीएम कार्यालय पर की है। वहीं राजेंद्र नगर निवासी सुनील कुमार ने बताया कि उनकी वैक्सीन की दूसरी डोज लगनी थी, लेकिन लगवा नहीं पाए और पहले ही मैसेज आ गया कि आपको दोनों डोज लग चुकी है। सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं।

साढ़े तीन लाख दूसरी डोज से दूर
मेरठ जनपद में 26 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने का स्वास्थ्य विभाग ने लक्ष्य तय किया था। सभी को पहली डोज लग चुकी है, लेकिन सेकेंड डोज से अभी भी साढ़े तीन लाख लोग वंचित हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा पांच सौ लोगों को कॉल करने के लिए लगाया गया है। साथ ही घर-घर अभियान चलाकर भी वंचित लोगों को दूसरी डोज लगवाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रत्येक कर्मचारी को 100 लोगों को दूसरी डोज के समय के बारे में जागरूक करने का टारगेट दिया है। एसीएमओ डॉ। प्रवीन गौतम ने इसकी जानकारी दी है। बताया कि कई लोग ऐसे हैं जिनको निर्धारित समय से दो-तीन माह ऊपर हो चुके है, लेकिन उन्होंने वैक्सीन नहीं ली है।

इनको हुई दिक्कत

पहली डोज लगने के दो माह बाद ही मुझे दूसरी डोज लगने का मैसेज आ गया। जबकि मैंने दूसरी डोज ली ही नहीं है।
महक, सदर

दूसरी डोज लिए बिना ही मुझे सर्टिफिकेट डाउनलोड करने का मैसेज मिला है। मैसेज देखकर मैं हैरान हूं कि यह कैसे हो सकता है।
अनु, रजपुरा ब्लॉक मेरठ

मेरी बेटी ने अभी पहली डोज ली है। डोज लिए दो माह हो चुके हैं, लेकिन इस दौरान दूसरी डोज लगने का भी मैसेज आ चुका है। जो अभी तक ली ही नहीं है। यह स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही है।
सतनाम, सदर निवासी

वर्जन
गलत सर्टिफिकेट जारी होने की शिकायतें मिली हैं। उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। यह पोर्टल की गड़बड़ी से या फिर फॉरमेट भरने में क्लेरिकल मिस्टेक के चलते हुआ है। कैसे हुआ इसका पता लगाया जा रहा है। जिनके साथ ऐसा हुआ है, वह दूसरी आईडी से फिर अपनी बुकिंग करा लें, ताकि उन्हें टीका लग सके। एक बॉक्स और डाला जा रहा है। जिनके साथ ऐसा हुआ है वो उस बॉक्स में दूसरी आईडी का यूज कर सकते हैं।
डॉ। प्रवीन गौतम, एसीएमओ, मेरठ

Posted By: Inextlive