इंटेलीजेंट होना सही है, लेकिन हार्ड वर्क का कोई रिप्लेसमेंट नहीं होता है
मेरठ (ब्यूरो)। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित अल्टीमेट स्टूडेंट अवार्ड आईआईएमटी यूनिवर्सिटी गंगानगर में आयोजित किया गया। इस दौरान डीएम व एसएसपी ने सम्मानित किया। इस दौरान डीएम दीपक मीणा ने छात्रों को सफलता के टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि मैं सभी बच्चों को कांग्रेचुलेशन कहूंगा। सभी ने बोर्ड में बहुत अच्छा परफॉर्म किया है। अब मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि आपका वो टाइम आने वाला है जब आप अपने पेरेंट्स और टीचर्स की छत्रछाया से थोड़ा दूर जाएंगे। आपको गाइड करने के लिए कोई रहेगा नहीं। अब आपकी असली परीक्षा शुरू होगी। अब मैटर करेगा कि आपकी परवरिश कैसी रही है। आपके दोस्त कैसे हैं।
मैं अपने एक्सपीरियंस से बता रहा हूं कि बहुत ऐसे बच्चे थे जो इंटेलिजेंट थे। वे आज कहीं भी नहीं हैं। आप पिछले यूपीएससी के रिजल्ट देखें तो 90 फीसरी एवरेज स्टूडेंट ही आईएएस और आईपीएस बने हैं। वे कोई स्कूल के टॉपर्स नहीं थे। मैं भी टॉपर नहीं था। टॉपर होना बहुत अच्छी बात है। पर सभी तो टॉपर नहीं हो सकते हैं। मेरी समझ में हार्ड वर्क का कोई रिप्लेसमेंट नहीं है। मैं आपको सलाह दूंगा कि करियर में एक तरफ ही फोकस करें।
यह नहीं हो सकता है कि किसी एक चीज में आपने चार साल लगा दिए और उसके बाद आपने सोचा ये नहीं अच्छा लग रहा है, फिर बाद में आप किसी और चीज में चले गए। इसका बहुत ज्यादा डाउट बच्चों में रहता है। आप अभी से सोचना शुरू करें, कि मुझे क्या करना है। अपनी पर्सनॉलिटी को ग्रो करें। दुनिया में क्या चल रहा है उसकी भी नॉलेज होनी चाहिए। आने वाले टाइम में बहुत एक्सपोजर है।
हमारे समय में इतना एक्सपोजर नहीं था। उस समय हम बोल भी नहीं पाते थे। आज तो फिफ्थ के बच्चे भी स्टेज पर परफॉर्म करते हैं। आपका कॉफिडेंस, नॉलेज और आप दूसरों से कैसे इंट्रेक्ट करते हैं यह सब मैटर करता है। फिर वो कोई भी सेक्टर हो। आप सभी चीजों पर वर्क स्टार्ट करिए। अगर मूवी भी देख रहे हैं तो वो भी नॉलेज के प्वाइंट ऑफ व्यू से देखें। टीवी पर हमेशा ऐसा देखें जिससे आपकी ग्रोथ हो।मैं भी बहुत मूवीज और स्पोटर्स देखता था। यूपीएससी के इंटरव्यू में एक फॉर्म भरना होता है, जब इंटरव्यू होता है। उसमें मैने हॉबी में सबसे पहले लिखा था कि वॉचिंग मूवी और बाद में क्रिकेट लिखा था। यूपीएससी के इंटरव्यू में मुझसे पैनल ने पांच क्वेश्चन केवल मूवीज के ही पूछे थे। इसलिए जो भी करें दिल से करें।
एसएसपी रोहित सजवाण ने दिए टिप्स
मैं यहां उपस्थित सभी मेधावी छात्रों को शुभकामनाएं देता हूं। मैं आपसे संक्षेप में बात करुंगा। जब हम विद्यालय जीवन में होते हैं। पढ़ाई कर रहे होते है तो हमें बहुत सारी चीजें हमारे शिक्षक हमें सिखाते हैं। सबसे पहले सभी को उन पर अमल करना चाहिए। बिना सोचे कि वो हमसे क्या अपेक्षा कर रहे हैं। क्योंकि जब हम इस बाल्यकाल में होते हैं तो हमारा एक्सपीरियंस बहुत कम होता है। कई बार डाउट लगता है कि क्या टीचर हमारे भले के लिए बता रहे हैंं कि बुरे के लिए, हम अक्सर उनकी बातों को नजरअंदाज करते हैं। जबकि हम उनकी बातों को अमल करेंगे तो अपने जीवन में बहुत आगे जाएंगे। आप सभी ने पढ़ाई की है। यहां पहुंचे है आगे भी इसी परिश्रम को आगे जारी रखेंगे, परिश्रम आप करेंगे आपकी इंटेलिजेंस थोड़ी कम भी है तो भी चल जाता है, क्योंकि मेहनत से आप आगे बढ़ेंगे।
दीप प्रज्ज्वलन से शुरूआत
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन से हुई। इस दौरान बतौर चीफ गेस्ट डीएम दीपक मीणा एवं विशिष्ट अतिथि एसएसपी दीपक सिंह सजवान, दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के सीनियर न्यूज एडिटर मुकेश कुमार, आईआइएमटी यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति योगेश मोहनजी गुप्ता एवं प्रतिकुलाधिपति डॉ। मयंक अग्रवाल, अजिंक्या डी-वाई पाटिल यूनिवर्सिटी पुणे से शिक्षिका श्रीवास्तव एवं फिजिक्स वाला इंस्टीटयूट से सेंटर हेड नोएडा संजीव उपाध्याय ने दीप प्रज्ज्वलन किया। इस मौके पर डीएसडब्ल्यू डॉ। नीरज शर्मा, निदेशक प्रशासन, डॉ। संदीप कुमार मीडिया कोर्डिनेटर सुनील कुमार शर्मा आदि मौजूद रहे।
चीफ गेस्ट एसएसपी रोहित सिंह साजवान और स्पेशल गेस्ट डीएम दीपक मीणा ने छात्रों को मेडल और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। मेडल्स पाकर बच्चों के चेहरे खिल गए। आईआईएमटी यूनिवर्सिटी की टे्रनिंग हैड एकता शर्मा ने स्टूडेंट्स को करियर के मंत्र दिए। उन्होंने कहा कि संकल्प से ही सिद्धि प्राप्त होती है। साथ ही क्विज प्रतियोगिता में विनर्स को स्पेशल प्राइज दिए गए।
क्या बोले स्टूडेंटस और पेरेंटस मुझे इस कार्यक्रम में अवार्ड दिया गया। बहुत ही एनर्जेटिक प्रोग्राम था। इसमें शामिल होने के बाद बहुत ही मोटिवेटेड फील कर रही हूं।
काव्या जैन, स्टूडेंट्स कार्यक्रम में करियर से जुड़ी बहुत खास जानकारी मिली। डीएम और एसएसपी सर की सीख जिंदगी भर याद रहेगी। मेडल पाकर प्रोत्साहन मिला है।
संचिता, स्टूडेंट्स
यहां पर काफी कुछ सीखने को मिला है। मुझे डीएम सर के भाषण से प्रेरणा मिली है। उन्होनें जो आगे बढऩे की बात समझाई है। वह मुझे बहुत ही पसंद आई है।
शरन्या, स्टूडेंट्स
एलिश, स्टूडेंट्स यह बेहतरीन कार्यक्रम रहा। इस तरह के कार्यक्रम से प्रेरणा मिलती है। यहां आने के बाद काफी मोटीवेशन मिला है। एक्सपर्ट की करियर टिप्स भी जिंदगी भर काम आएंगी।
महविश, स्टूडेंट, इस कार्यक्रम में हमें मोटीवेट किया गया। हमें करियर से जुड़ी खास जानकारी मिली है। बहुत ही अच्छा लगा, अपने पेरेंट्स के साथ पहुंचकर सम्मान पाया।
आराध्या, स्टूडेंट अल्टीमेट स्टूडेंट अवार्ड मेें आकर काफी अच्छा लगा। चीफ गेस्ट को सुनकर काफी मोटीवेशन मिला। एक्सपर्ट की सीख सारी जिंदगी काम आएगी।
पन्ना, स्टूडेंट समारोह में अवार्ड देने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट का धन्यवाद। मुझे बहुत ही अच्छा लगा मेरे टीचर व पेरेंट्स बहुत ही खुश थे। साथ ही करियर टिप्स भी काफी उपयोगी रहीं।
अभय, स्टूडेंट कार्यक्रम का हिस्सा बनना बहुत ही अच्छा लगा। मुझे तो बहुत ही गर्व महसूस हो रहा है। एक बार फिर से मेरी सफलता का सेलिब्रेशन हो गया।
वासु, स्टूडेंट सफलता का ऐसा सेलिबे्रशन किया गया जो बहुत ही सराहनीय रहा। पेरेंट्स को बहुत ही खुशी हुई मुझे भी अच्छा लगा। करियर से जुड़ी सीख भी मुझे मिल गई।
रिया, स्टूडेंट मेरे बच्चों को अवार्ड मिला। मुझे ये देखकर गर्व महसूस हुआ, इस तरह के कार्यक्रम से बच्चों को प्रेरणा मिलती है। एक्सपर्ट ने बच्चों को काफी अच्छी सीख दी।
बीना, पेरेंट दैनिक जागरण आई नेक्स्ट का यह कार्यक्रम सराहनीय रहा। इस तरह के कार्यक्रम होते रहने चाहिए। बच्चों को फ्यूचर के लिए मोटीवेशन मिलता है।
प्रियंका, पेरेंट दैनिक जागरण आईनेक्स्ट का कार्यक्रम अच्छा था। चीफ गेस्ट ने भी जो स्पीच दी है उससे बच्चों को सीखने को मिला है।
संजीव सक्सेना, पेरेंट वाकई ही यह कार्यक्रम सराहनीय रहा। मुझे इस कार्यक्रम में बहुत खुशी हुई जब बच्चे को सम्मानित किया गया। उन्हें महत्वपूर्ण टिप्स भी दी गईं।
संजय पंवार, पेरेंट हमारे स्कूल के बच्चों को जब अवार्ड दिया जा रहा था। तो अच्छा लग रहा था। वहां पर बच्चों को मोटीवेशन मिला है। यह एक अच्छी पहल है।
करुण, टीचर इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों को मोटीवेशन मिलता है। बहुत ही सराहनीय पहल है।
मनीष, टीचर कार्यक्रम में बच्चों को अवार्ड मेडल सर्टिफिकेट दिए गए थे, जो बहुत ही अच्छा लगा। इससे बच्चों को प्रेरणा मिलती है।
सतीश, टीचर