Meerut News : बस 10 मिनट की बात है इलेक्ट्रिक बस आ रही है
मेरठ (ब्यूरो)। न्यू ईयर पर एमसीटीसी ने डेली पैसेंजर को नई सौगात दी है। अब शहर में आपका सफर और आसान होगा। इसके लिए जनवरी महीने में ही 50 नई बसों का संचालन होगा। यानि अब दैनिक यात्रियों को शहर के रूट पर हर 10 मिनट में इलेक्ट्रिक बस की सुविधा उपलब्ध होगी। अब तक बसों की संख्या कम होने के कारण शहर के रूटों पर इलेक्ट्रिक बसों के लिए कई घंटे इंतजार करना पड़ता था। अब नए साल में यह समस्या भी खत्म होगी।
50 नई बसें बढ़ेंगी
गौरतलब है कि शहर में मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट के तहत 50 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन साल 2023 में शुरू हुआ था। इसके साथ ही साल 2023 में ही लोहियानगर में सिटी बस चार्जिंग स्टेशन के साथ साथ दौराला और मवाना रोड पर नए चार्जिंग स्टेशन बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इससे शहर में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन तो बढ़ा, लेकिन शहर की जनसंख्या के हिसाब से कम रहा। लेकिन इस साल 50 नई बसों की संख्या बढऩे से दैनिक यात्रियों की सुविधा में इजाफा होगा और शहर के पॉल्यूशन स्तर में सुधार होगा।
सिटी रूट पर होगा संचालन
अभी 50 में से 30 बसों का संचालन मवाना, हस्तिनापुर, सरधना और सिटी स्टेशन समेत किला परीक्षितगढ़ के रूट पर चल रही है। इन बसों के देहात रूट पर संचालन होने के कारण शहर के लोगों को इलेक्ट्रिक बसों के लिए घंटों का इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब देहात के साथ साथ शहर के नए रूटों पर बसों का संचालन बढऩे से दैनिक यात्रियों की सुविधा में इजाफा होगा। इसके लिए बसों को राधागोविंद कालेज गढ़ रोड से तेजगढ़ी, गांधी आश्रम, हापुड अडड़ा, ईव्ज चौराहा, बच्चा पार्क, बेगमपुल होते हुए रेलवे रोड, गंगानगर, पल्लवपुरम की तरफ संचालित किया जा सकता है।
लोहियानगर से मवाना, हस्तिनापुर, जम्बूदीप
लोहियानगर से हापुड अडड़ा, गांव कैली
लोहियानगर से सरधना
लोहियानगर से मेडिकल वाया जेलचुंगी सिटी स्टेशन
लोहियानगर से मोदीपुरम वाया बेगमपुल
मेडिकल से लखवाया वाया हापुड अडडा
लोहियानगर से परतापुर, गंगोल, मोदीनगर वाया बिजलीबंबा इलेक्ट्रिक सिटी बसों की संख्या में इजाफा होने से शहर की आबोहवा शुद्ध होगी। साथ ही गर्मियों में इन बसों में सफर से स्टूडेंटस और दैनिक यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
स्वाति इन बसों की संख्या 100 से अधिक होनी चाहिए। तभी शहर के दैनिक यात्रियों को सही लाभ मिल सकेगा।
दीपक
शहर के अंदर स्कूल, कालेज समेत विवि रूट पर इन बसों का संचालन होना चाहिए। क्योंकि सबसे अधिक स्कूल कालेज विवि के छात्र ही सिटी ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करते हैं।
सुशील
विपिन सक्सेना, एआरएम