चालान का प्रोसेस तो चालू है, पर कनेक्टिविटी कहीं अटकी हुई है
मेरठ (ब्यूरो)। ताजा खबर यह है कि तीन माह बाद भी मुख्यालय स्तर पर आईटीएमएस के सर्वर को नेशनल इंफॉर्मेटिक सेंटर (एनआईसी) से कनेक्ट ही नहीं किया गया है। हालांकि सिस्टम से रोजाना चालान कट तो रहे हैैं, लेकिन संबंधित वाहन चालक तक भेजने की इजाजत अभी नहीं है।
काटे जा रहे चालानगौरतलब है कि आईटीएमएस से लैस चौराहों से गुजरने वाले वाहनों पर हाईटेक कैमरों, सेंसर से नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही इस माह एक जुलाई से चौराहों की निगरानी भी लखनऊ मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम से भी शुरू हो गई और चालान भी जेनरेट होने लगे। लेकिन यह चालान अभी केवल कंट्रोल रूम के रिकार्ड तक ही सीमित है। नियम तोडऩे वालों तक भेजे नहीं जा रहे हैं।
10 हजार तक के चालान
इस सिस्टम के तहत रोजाना 8 से 10 हजार चालान काटे जा रहे हैं। इनमें से अधिकतर चालान रेड लाइट जंप के साथ हेलमेट पहने बिना वाहन चलाने के शामिल हैं। इसके साथ ही वाहनों की गति और सीट बेल्ट तक पर निगरानी की जा रही है।
सर्वर से जुडऩे का इंतजार
आईटीएमएस के तहत वाहनों का चालान उनके वेरिफिकेशन के बाद भेजा जाएगा। इसके लिए आईटीएमएस को नेशनल इंफॉर्मेटिक सेंटर (एनआईसी) से सर्वर को जोड़ा जाना अभी बाकि है। क्योंकि एनआईसी से जुडऩे के बाद ही वाहन का वेरिफिकेशन होगा कि वह किस श्रेणी में आता है। यह स्पष्ट होते ही वाहन चालकों को चालान भेजे जा सकेंगे।
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