Meerut News : आंतरिक पवित्रता तभी घटित होती है जब मनुष्य लोभ से मुक्त होता है
मेरठ (ब्यूरो)। श्री 1008 शांतिनाथ दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर असोड़ा हाउस में अभिषेक एवं शांति धारा हुई। इसमें मुख्य शांतिधारा स्वर्ण झारी से करने का सौभाग्य रमेश जैन, विपुल जैन, गौरव जैन परिवार को मिला। वहीं रजत झारी से शांति धारा करने का सौभाग्य विनोद जैन, कपिल जैन, संजय जैन परिवार को मिला। उसके बाद सभी श्रद्धालुओं ने पूजा एवं दसलक्षण विधान किया। इसमें सभी भक्तों ने अघ्र्य मंडले पर समर्पित किए। इस मौके पर उत्तम शौच पर कपिल जैन ने श्रद्धालुओं को बताया कि उत्तम शौच का अर्थ है पवित्रता ।आचरण में नम्रता, विचारों में निर्मलता लाना ही शौच धर्म है। बाहर की पवित्रता का ध्यान तो हर कोई रखता है लेकिन यहां आंतरिक पवित्रता की बात है। आंतरिक पवित्रता तभी घटित होती है जब मनुष्य लोभ से मुक्त होता है।
उत्तम शौच धर्म क्या बताता है?
कपिल ने कहा कि शौच धर्म कहता है कि आवश्यकता, आकांक्षा, आसक्ति और अतृप्ति के बीच को समझकर चलना होगा, क्योंकि जो अपनी आवश्यकताओं को सामने रखकर चलता है। वह कभी दुखी नहीं होता है, जिसके मन में आकांक्षाएं हावी हो जाती हैं वह कभी सुखी नहीं होता। हावी होती हुई। आकांक्षाएं आसक्ति की ओर ले जाती है और आसक्ति पर अंकुश न लगाने पर अतृप्ति जन्म लेती है, अंतत: प्यास, पीड़ा आतुरता और परेशानी बढ़ती है।
दिगंबर जैन मंदिर कचहरी रोड में शाम को सविता जैन पाल की जैन सौम्या जैन ने धार्मिक तंबोला खिलवाया। इसमें सभी श्रद्धालुओं ने पुरस्कार जीते। इसके बाद शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम में धार्मिक नाटक आभा ने कराया। इसमें आदिनाथ भगवान का वैराग्य दर्शाया गया जिसमें श्रद्धालुओं ने प्रस्तुत नाटक पर खूब तालियां बजाई। मंदिर परिसर में मनोज राज पीयूष अमित प्रतीक रचित सार्थक शुभम नमन नीलिमा शोभा शालिनी अनन्या मुस्कान आदि उपस्थित रहे।