इतने पॉल्युशन में बड़ा मुश्किल है यह कहना कि मुस्कुराइए, आप मेरठ मेें हैैं
मेरठ (ब्यूरो)। शहर में एयर पॉल्युशन सबसे बड़ी समस्या बन गया है। इस पर कंट्रोल करने के लिए प्रशासन के 32 विभाग एक्टिव हैं। बावजूद इसके, शहर में पॉल्युशन का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। हालत यह है कि पॉल्यूशन का असर अब केवल सांसों तक सीमित नहीं रह गया है। लंबे समय तक पॉल्यूशन की जद में रहने का असर अब शहर के लोगों के दिल के सूकुन, रातों की नींद तक पर होने लगा है। इतना ही नहीं, अक्सर देश के टॉप-10 पॉल्युटेड शहरों में मेरठ का नाम शुमार होने के चलते लोगों के चेहरे से मुस्कुराहट भी गायब होती जा रही है।
सोशल मीडिया पर कराया सर्वे
शहर में एयर पॉल्युशन कितनी बड़ी समस्या है। इसके कौन-कौन से कारण हैं। इनको कैसे दूर किया जा सकता है। इन सब बिंदुओं पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर सर्वे कराया। इसमें करीब 100 से ज्यादा शहरवासियों ने अपनी राय रखी।
पॉल्युशन से बढ़ी बीमारियां
पॉल्युशन के कारण एलर्जी से सबसे अधिक खांसी, सांस फूलने आदि की बीमारी बढ़ रही है। इसका सबसे ज्यादा असर लंग्स पर पड़ रहा है। हवा में धूल के सूक्ष्म कण, ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसे वायु प्रदूषक फेफड़ों के लिए बहुत हानिकारक साबित हो रहे हैैं।
क्या शहर में खुले में कूड़ा जलाने पर सख्ती से रोक नहीं लगाई जानी चाहिए?
हां- 95
नहीं- 3
पता नहीं- 2 फीसदी
हां- 79
नहीं- 11
पता नहीं- 10 क्या ग्रेप लागू करने में लापरवाही के कारण जिले में पॉल्युशन बढ़ता जा बढ़ रहा है?
हां- 86
नहीं- 11
पता नहीं-3