धर्म को बचाना है तो बच्चों को संस्कार दें : सत्यानंद महाराज
मेरठ (ब्यूरो)। कथावाचक सत्यानंद महाराज ने कहा कि सनातन परंपरा में आस्था रखने वाले जनमानस को कुप्रथाओं व कुकर्मो से बचना चाहिए। हमारे आचरण, हमारे बोल विचार और व्यवहार सनातन आदर्शों के प्रतीक होने चाहिए। यह हमारा धार्मिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है। दूषित हो रहीं परंपराएं उन्होंने कहा कि आधुनिक दौर में हमारे देश की सनातनी परंपराएं दूषित हो रहीं हैं। हमें आदर्श परंपराओं पर गौरव महसूस होना चाहिए। इससे हमारी भारतीयता की पहचान बराबर बनी रहे। अपनी पहचान बनाए रखने में संकोच करना अच्छी बात नहीं है। धर्म से जुड़ी कहानियां सुनाएं
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को बचाना है तो बच्चों को संस्कार दें। धर्म से जोडऩे का प्रयास करें। धर्म और उससे जुड़ी कहानियां सुनाएं। प्रेरित करें ताकि वो आगे चलकर अपने धर्म के प्रति जागरुक रहें। इस मौके पर डॉ। प्रदीप गहलौत, अमित मांगलिक, अशोक त्यागी, अमरजीत सचदेवा, अरब सिंह, आदित्य त्यागी, विष्णु स्वरुप, आलोक रस्तोगी आदि का सहयोग रहा।