कितने अचरज की बात है जिस शहर में सरकार मेट्रो और रैपिड रेल बनवा रही है उसी शहर के बस अड्डों पर यात्रियों को पीने का पानी तक मयस्सर नहीं है. कहीं वाटर कूलर से गर्म पानी निकल रहा है तो कहीं नल ही टूटा-फूटा है.


मेरठ (ब्यूरो). कितने अचरज की बात है जिस शहर में सरकार मेट्रो और रैपिड रेल बनवा रही है, उसी शहर के बस अड्डों पर यात्रियों को पीने का पानी तक मयस्सर नहीं है। कहीं वाटर कूलर से गर्म पानी निकल रहा है तो कहीं नल ही टूटा-फूटा है। सोहराबगेट, भैंसाली और मवाना बस अड्डे पर अगर आपको प्यास लग जाती है तो आपके पास एक ही ऑप्शन होगा-पानी खरीदिए और पीजिए। भीषण गर्मी के दिनों में शहर के सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल की व्यवस्था कितनी दुरुस्त है, दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने एक अभियान के तहत इसका जायजा लिया है। पांच दिनी इस अभियान की पहली किस्त हाजिर है


सोहराबगेट बस डिपो
बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, बुलंदशहर, आगरा, लखनऊ के लिए बसों का संचालन
रोजाना करीब 18 से 22 हजार यात्रियों का फुटफॉल
सिटी बसों के संचालन के साथ रोडवेज निगम व अनुबंधित बसों का होता है संचालन
करीब 200 से अधिक रोडवेज के कर्मचारियों और चालक-परिचालकों की रहती है उपस्थिति


शहर के प्रमुख बस डिपो सोहराबगेट की जर्जर हालत किसी से छिपे नहीं हैं। स्टेशन पर पेयजल के लिए इंतजाम तो भरपूर किए गए हैं। लेकिन, सुविधा अधूरी है। परिसर में लगे आरओ वाटर कूलर से गर्मियों में भी गर्म पानी निकल रहा है। पेयजल के पास गंदगी का अंबार देख यात्री आसपास तक नहीं फटक रहे हैं। हालांकि वाटर कूलर के बराबर में हर समय ठंडी पैक्ड वाटर बोतल का स्टॉल लगा रहता है। ताकि यात्री गर्म पानी से परेशान होकर ठंडी बोतल खरीदकर पीने को विवश हों। बस स्टेशन परिसर में ही हैंड पंप भी लगा है। लेकिन, उसका हैंडिल ही गायब है। इससे यात्रियों को ताजा पानी तक नहीं मिल पाता है।

भैंसाली डिपो
-दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, हरिद्वार, देहरादून जैसे शहरों के लिए बसों का संचालन
-रोजाना 30 से 40 हजार यात्रियों का फुटफॉल रहता है।
-अनुबंंधित बसों के साथ मेरठ डिपो की निगम बसों का भी इसी डिपो से संचालन
- आरएम कार्यालय समेत एआरएम कार्यालय और 500 से अधिक स्टाफ कर्मचारी

इस बस स्टेशन से रोजाना 30 हजार से ज्यादा यात्रियों का आवागमन रहता है। स्टेशन पर पेयजल के लिए आरओ वाटर कूलर की व्यवस्था तो है। लेकिन, अधिकतर समय वाटर कूलर बंद रहता है। सुबह-शाम कुछ देर के लिए वाटर कूलर ऑन किया जाता है। इससे आधे-एक घंटे यात्रियों को ठंडा पानी मिल जाता है।

मवाना बस स्टैंड
-लोकल रूट पर मवाना, हस्तिनापुर, बहसूमा आदि जाने के लिए बसों का संचालन
-रोजाना एक हजार से अधिक यात्रियों का आवागमन
-200 से अधिक बसों का होता है संचालन

मवाना हस्तिनापुर रूट पर गांवों तक जाने के लिए शहर के लोगों को मवाना बस स्टैंड से बस मिलती है। यहां केवल प्राइवेट बसों का संचालन होता है। इसलिए बस डिपो पर ठंडा पानी मिलना बहुत ही मुश्किल है। परिसर में लगा एक हैंड पंप यात्रियों को कुछ राहत देता है। बाकि गर्म पानी की टोंटी से ही यात्रियों को गर्मी में अपनी प्यास बुझानी पड़ती है। ठंडा पानी पीने के लिए यात्रियों को 20 रुपए खर्च करने पड़ते हैं।

कोटस
पानी की व्यवस्था है पर हर समय गर्म पानी ही निकलता है। पूछने पर बिजली का रोना रोया जाता है। जवाब मिलता है कि बिजली न होने की वजह से वाटर कूलर नहीं चलता। इसलिए बोतल ही खरीदनी पड़ती है।
-सुरेंद्र

आरओ लगा है पर वाटर कूलर बंद होने से पानी साफ नहीं निकलता। इसलिए पैक्ड बोटल ही खरीदनी पड़ती है। कम से कम हैंड पंप ही चालू करा दें। तो कुछ राहत मिल जाएगी।
- राजा

पानी की टोंटियां गर्म पानी उगलती रहती हैं। यात्रियों को शीतल जल के नाम पर गर्म पानी मिल रहा है। ऐसे में प्यास बुझाने के लिए जेब ढीली करनी पड़ती है। स्टेशन पर लगे दुकानदारों की पानी की बोतल की जमकर बिक्री होती है। दुकानदार बड़े मुनाफे की वजह से यहां पानी की सप्लाई जानबूझकर बाधित करवा देते हैं।
-राजेंद्र गुप्ता


मवाना बस स्टैंड पर एक हैंडपंप है। उसके भरोसे रोजाना आने वाले हजारों यात्रियों को कुछ राहत मिल जाती है। लेकिन, उसके आसपास साफ-सफाई रखनी जरूरी है।
- साबिर

वर्जन
गर्मियों में वाटर कूलर 24 घंटे ऑन रहता है। बिजली कटने पर भले ही कुछ देर के लिए बंद हो जाए। लेकिन, पानी आरओ वाटर कूलर से दिनभर जारी रहता है। बाकि साफ-सफाई की जहां शिकायत है उसको दूर किया जाएगा।
-केके शर्मा, आरएम रोडवेज

Posted By: Inextlive