जल है तो कल है...पर ये बात आवास विकास को समझ में क्यों नहीं आती!
मेरठ (ब्यूरो)। लगातार गिर रहे ग्राउंड वाटर लेवल को सहजने की कवायद में जुटे प्रशासन की मुहिम को खुद सरकारी विभाग ही पलीता लगा रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण आवास विकास की जागृति विहार एक्सटेंशन योजना में दिखाई भी दे रहा है। जहां आवास विकास द्वारा बनाए फ्लैट में पेयजल की सप्लाई के लिए लगाई गई पाइपलाइन जगह-जगह से टूटी हुई है। जिस कारण से रोजाना लाखों लीटर पेयजल बर्बाद हो रहा है। बंूद फाउंडेशन के अध्यक्ष रवि कुमार ने जिला प्रशासन और आवास विकास को ट्वीट कर पेयजल की इस बर्बादी को रोकने की मांग की है।
जरा समझ लें
दरअसल, आवास विकास की जागृति विहार एक्सटेंशन योजना संख्या 11 में साल 2014 में 2200 के करीब फ्लैट बनाकर तैयार कर दिए गए थे। तब से आवास विकास इन फ्लैटों की बिक्री में लगा हुआ है। लेकिन आवास विकास के अधिकतर फ्लैट अभी तक खाली है। जिन फ्लैटों का आवंटन हो चुका है उनमें लोग रह रहे हैं। ऐसे में उन फ्लैट में पेयजल की सप्लाई के लिए लगाई गई पाइपलाइन जगह-जगह से टूट चुकी है। घरों में पेयजल सप्लाई के दौरान इन जर्जर पाइप लाइन से रोजाना लाखों लीटर पानी बहकर बेकार हो रहा है लेकिन आवास विकास का इस ओर ध्यान ही नही है।
पुरानी है समस्या
यह समस्या कोई नई नहीं है, इससे पहले भी एक्सटेंशन के फ्लैट में जर्जर पाइपलाइन का मुद्दा प्रकाश में आ चुका है। तब विभाग द्वारा कुछ बिल्डिंग की पाइप लाइन बदलवा कर खानापूर्ति कर दी गई थी लेकिन इसके बाद भी पुरानी लाइनों से लीकेज जारी है। हालांकि फ्लैट में रहने वाले लोग खुद ही अपने स्तर पर पाइनलाइन सही कराकर काम चला रहे हैं। लेकिन जो फ्लैट खाली पड़े है वहां पानी की लीकेज परेशानी बन गई है।
राजीव कुमार, एसई, आवास विकास